यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत लिस्ट में दीपावली का शामिल होना गर्व की बात: दीया कुमारी
यूनेस्को द्वारा दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया जाना पूरे देश के लिए गर्व की बात है;
जयपुर/नई दिल्ली। यूनेस्को द्वारा दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया जाना पूरे देश के लिए गर्व की बात है। राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का पल है।
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है। मैं बधाई देना चाहूंगी कि यूनेस्को ने दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया है। यह हम सभी और हर भारतीय के लिए बहुत खुशी का मौका है। यह हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है।
वहीं, दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता शुभेंदु शेखर अवस्थी ने कहा कि जब योग को वैश्विक पहचान मिली और दुनिया भर में उसका सम्मान हुआ, तो दीपावली को भी यह मान्यता मिलना स्वाभाविक था। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में होली जैसे अन्य भारतीय त्योहार भी यूनेस्को की सूची में शामिल किए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारतीय त्योहारों का प्रसार वैश्विक शांति और सांस्कृतिक सद्भाव को मजबूत करेगा। इन त्योहारों में जब जनता खुश होती है और उस खुशी के त्योहारों में विश्व में शांति होती है। एक तरफ लोग एक दूसरे को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वहीं कई ऐसी संस्थाएं विश्व शांति के लिए काम कर रही हैं। विश्व शांति आज बड़ा मुद्दा है।
यूनेस्को के इस फैसले पर मुस्लिम समुदाय ने भी स्वागत योग्य प्रतिक्रिया दी है। ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "मैं यूनेस्को द्वारा दीपावली को मान्यता दिए जाने पर भारत के सभी लोगों को बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं। हमारे देश का नाम ऊंचा होगा। दीपावली रोशनी का त्योहार है, जो बुराई को हराकर भगवान श्रीराम की वापसी का जश्न मनाता है, और जिस तरह से इसे मान्यता मिली है, वह सच में भारत के लिए गर्व की बात है।