राजन ने राहुल गांधी से कहा, गरीबों के भोजन के लिए 65000 करोड़ रुपये की जरूरत

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से एक वीडियो वार्ता में कहा है कि देश को गरीबों के भोजन के लिए 65,000 करोड़ रुपये की जरूरत है।;

Update: 2020-04-30 18:29 GMT

नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से एक वीडियो वार्ता में कहा है कि देश को गरीबों के भोजन के लिए 65,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। यह वीडियो वार्ता कांग्रेस पार्टी ने आयोजित की।

राजन ने कहा, "गरीबों के भोजन के लिए 65,000 करोड़ रुपये की जरूरत है और भारत इसे वहन कर सकता है क्योंकि जीडीपी 200 लाख करोड़ रुपये का है।"

उन्होंने कहा, "सामाजिक सौहार्द्र एक सार्वजनिक अच्छाई है। ऐसे समय में जब चुनौतियां बड़ी हैं, हम अपने घरों में विभाजन स्वीकार नहीं कर सकते।"

उन्होंने कहा कि गरीबों को डीबीटी, मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन के जरिए पैसे देने के प्रयास किए जाने चाहिए और पीडीएस के जरिए भी मदद दी जानी चाहिए।

रघुराम राजन ने कहा कि भारत को लॉकडाउन उठाने में सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि देश के पास गरीबों को भोजन देने की सीमित क्षमता है।

उन्होंने कहा, "कई तरीके हैं, जिनसे देश लाभ उठा सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि इस स्थिति में कोई सकारात्मक असर नहीं होगा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में पुनर्विचार हो सकता है।"

राजन ने कहा, "रणनीतिक बदलाव होगा, लेकिन इस तरह की महामारी का आमतौर पर शायद ही कोई सकारात्मक प्रभाव हो।"

राहुल गांधी ने जब राजन से कोरोनावायरस की जांच की क्षमता के बारे में पूछा तो राजन ने कहा कि भारत को कम से कम पांच लाख जांच हर रोज करने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने देश के हालात से जिस अधिनायकवादी तरीके से निपटा जा रहा है, उसके बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया, क्योंकि अधिक उदारीकरण और विकेंद्रीकरण के बदले अधिक केंद्रीकरण हो रहा है।

राहुल गांधी ने कहा कि दक्षिणी राज्य जहां पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने में बेहतर कर रहे हैं, वहीं उत्तरी राज्य सत्ता के केंद्रीकरण पर जोर दे रहे हैं।

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