बंगाल में 7 चरणों में चुनाव पर उठा सवाल

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाने की निर्वाचन आयोग की घोषणा पर यह कहकर असंतोष प्रकट किया कि मतदान की लगातार तारीखों से लोगों पर दवाब पड़ेगा;

Update: 2019-03-10 23:23 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाने की निर्वाचन आयोग की घोषणा पर यह कहकर असंतोष प्रकट किया कि मतदान की लगातार तारीखों से लोगों पर दवाब पड़ेगा। वरिष्ठ तृणमूल नेता व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने रमजान के महीने में चुनाव कराए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रमजान में मुस्लिम पूरे दिन भूखे रहते हैं। रमजान इस साल मई-जून में पड़ेगा।

उन्होंने कहा, "चुनाव पांच, सात या 14 चरणों में कराया जाए, मुद्दा यह नहीं है, क्योंकि हमारी नेता ममता बनर्जी की जगह लोगों के दिल में है। लेकिन हमारी चिंता राज्य के लोगों को लेकर है। लगातार मतदान कराए जाने का लोगों पर दबाव पड़ेगा। मतदान रमजान के महीने में होना है। कहीं यह रमजान का फायदा उठाने की कोशिश तो नहीं?" 

दूसरी तरफ, वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और उचित तरीके से मतदान कराना सुनिश्चित करे, क्योंकि 'राज्य में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है।'

उन्होंने कहा, "चरणों की संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। पश्चिम बंगाल के लिए प्रासंगिक बात यह है कि क्या चुनाव पारदर्शी, समुचित तरीके से, स्वतंत्र और निष्पक्ष हो पाएगा? अगर आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और उचित तरीके से मतदान कराना सुनिश्चित करे, तो राज्य में लोकतंत्र की बहाली के लिए हम अपनी लड़ाई और मजबूती से लड़ेंगे।"

बोस ने कहा कि वाममोर्चा अपने उम्मीदवारों की सूची 13 मार्च को जारी करेगा।

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