‘थ्री इडियट्स क्लीन बोल्ड’ कल्लूरी मुश्किल में
रायपुर ! सोशल मीडिया पर आईजी एसआरपी कल्लुरी के एक पोस्ट में उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। बस्तर के अपने करीबी पुलिस अधीक्षकों को वहां से हटाने की सरकार की कार्रवाई को लक्ष्य करके किए गए;
रायपुर ! सोशल मीडिया पर आईजी एसआरपी कल्लुरी के एक पोस्ट में उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। बस्तर के अपने करीबी पुलिस अधीक्षकों को वहां से हटाने की सरकार की कार्रवाई को लक्ष्य करके किए गए इस पोस्ट को लेकर डीजीपी ए.एन.उपाध्याय ने उन्हें तीन अलग-अलग नोटिस जारी कर कड़े लहजे में जवाब मांगा है। और पूछा है कि क्यों ने उन पर कार्रवाई की जाए।
वाट्सएप ग्रुप पर श्री कल्लुरी ने फोटो के साथ आज एक पोस्ट किया था। फोटो में तीन लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनमें दो उनके करीबी समझे जाने वाले सुकमा और बस्तर के एसपी हैं। कल ही सरकार ने इन दोनों एसपी के साथ बस्तर के चार जिलों के एसपी को एक साथ हटा दिया था। अपने पोस्ट में श्री कल्लुरी ने लिखा ‘थ्री इडियट्स क्लीन बोल्ड।’ सरकार ने इस पोस्ट को बेहद गंभीरता से लिया है। डीजीपी ए.एन.उपाध्याय के इसके लिए श्री कल्लुरी को तीन अलग-अलग नोटिस जारी किया है। एक नोटिस में उनके इस पोस्ट के लिए जवाब मांगा है। एक अन्य नोटिस जगदलपुर में गाडिय़ों की एक डीलरशिप के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। इसी कार्यक्रम में सुकमा के एसपी ने कथित रुप से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गाडिय़ों से कुचल देने वाला बयान दिया था। तीसरे नोटिस में श्री कल्लुरी से पूछा गया है कि उनकी पदस्थापना पीएचक्यू में होने के बावजूद उन्होंने किसके आदेश पर मुख्यालय छोड़ा और एक निजी संस्थान के कार्यक्रम में शामिल होने जगदलपुर गए। तीनों नोटिस में कड़े लहजे का इस्तेमाल किया गया है और कहा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
श्री कल्लुरी पहली बार मुश्किल में तब पड़े थे जब मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए विभिन्न संगठनों ने उनकी आलोचना की थी जिसके चलते सरकार को उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजने का निर्णय लेना पड़ा था। सरकार ने उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजने का स्वास्थगत कारण बताया था। उसकी जगह सुंदरराज पी. को वहां डीआईजी बनाकर बस्तर का प्रभार दे दिया गया था। हालांकि दो-तीन दिन बाद ही श्री कल्लुरी जगदलपुर लौट आए थे और सार्वजनिक रुप से बयान दिया था कि उन्हें फिलहाल इलाज की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने उन दिनों भी एक पोस्ट किया था, जिसमें ‘बेला भाटिया विन्स’ का उल्लेख था। इसे भी सरकार की कार्रवाई के खिलाफ उनकी प्रतिक्रिया के रुप में देखा गया था। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से कई पदस्थापना मांगी थी। सरकार ने उन्हें कोई नई बड़ी जिम्मेदारी देने की जगह पीएचक्यू में संलग्र कर दिया था वे अभी पीएचक्यू में ही हैं। पहले अपनी कार्यशैली के कारण वे मुश्किलों में फंसे थे, अब एक पोस्ट ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। तीनों नोटिसों का जवाब तीन दिनों में देने के लिए कहा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि श्री कल्लूरी इन नोटिसों का क्या जवाब देते हैं?