डीजीपी, डीजी नक्सल पर भडक़े सुरक्षा सलाहकार
रायपुर ! नक्सल समस्या को लेकर मंत्रालय में बुलाई गई राज्य स्तरीय यूनिफाईड कमांड की बैठक में केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार आज डीजीपी व नक्सल मामलों के डीजी डीएम अवस्थी पर भडक़ गए।;
बैठक में कहा राज्य पुलिस का सीआरपीएफ को नहीं मिलता सहयोग
रायपुर ! नक्सल समस्या को लेकर मंत्रालय में बुलाई गई राज्य स्तरीय यूनिफाईड कमांड की बैठक में केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार आज डीजीपी व नक्सल मामलों के डीजी डीएम अवस्थी पर भडक़ गए। दोनों अधिकारियों का नाम लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि सीआरपीएफ को राज्य पुलिस का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। नक्सल आपरेशन के समय स्थानीय पुलिस साथ में नहीं जाती है। इसी तरह यहां की पुलिस आंध्रप्रदेश व तेलंगाना के संपर्क में नहीं है जिससे बेहतर परिणाम नहीं मिल रहे है। दूरसंचार अधिकारियों पर भी उनका गुस्सा फूटा। उन्होंने कहा हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और उन्हें नेटवर्क की सुविधा तक नहीं मिल रही है जिसके कारण आपात समय में जवान अपने साथियों व परिजनों को सूचना तक नहीं दे पाते हैं।
वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार यही नहीं रूके। उन्होंने कहा वीएसएनएल को जगह दी गई है उनके बावजूद टावर नहीं खड़े किए जा रहे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देशों का भी पालन अधिकारी नहीं कर रहे है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि ऐसा चलता रहा तो राज्य पुलिस नक्सल आपरेशन चला ले। सहयोग नहीं मिलने को लेकर उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री व प्रधानमंत्री से शिकायत करने की बात कही। वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार का रौद्र रूप देखकर बैठक में मौजूद अधिकारी दंग रह गए। बैठक में मौजूद मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह इस मामले को गंभीरता से लिया। डीजीपी ए.एन उपाध्याय से कहा आगे इस तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए। डीजीपी ने पुलिस की ओर से सहयोग नहीं मिलने के लिए माफी मांगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आइंदा एैसी शिकायत नहीं मिलेगी।
दिल्ली में 8 मई को नक्सल समस्या को लेकर संबंधित राज्यों की उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है इसके पूर्व शुक्रवार को मंत्रालय में युनिफाईड कमांड की बैठक हुई। नक्सली उन्मूलन को लेकर आने वाली दिक्कतों को लेकर इसमें चर्चा की गई। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, डीजी नक्सल के अलावा वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार, सीआरपीएफ व दूरसंचार विभाग के आला अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार विजयकुमार ने जब बोलना शुरू किया तो वहां का माहौल बदल गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नक्सल आपरेशन के समय सीआरीपीएफ के कहने पर भी पुलिस आपरेशन में नहीं जाती है, उन्होंने साफ तौर पर कहा राज्य पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत को लेकर राज्य के पुलिस अधिकारियों की भूमिका को लेकर जमकर प्रहार किया। यहां तक कह दिया कि यदि ऐसा चलता रहा तो आप लोग आपरेशन चला लीजिए सीआरपीएफ अलग हो जाएगा। बस्तर में दूरसंचार सेवा की बदहाल स्थिति को लेकर कहा यहां से अच्छी सुविधा पड़ोसी राज्यों तेलंगाना व आंध्रप्रदेश में है ये दोनों राज्य भी नक्सल प्रभावित है लेकिन वहां बेहतर सेवाए मिल रही है।
बैठक में नक्सल प्रभावित जिलों में जिला स्तरीय यूनिफाईड ऑपरेशनल कमांड के गठन पर विशेष रूप से बल दिया है। मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि जिला स्तरीय यूनिफाईड कमांड का गठन संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों के नेतृत्व में हो और उनमें वहां कार्यरत केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाए, ताकि केन्द्र और राज्य दोनों मिलकर इस चुनौती का मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता के लिए यह जरूरी है कि जिला स्तरीय यूनिफाईड कमांड जल्द बनाया जाए । समय-समय पर उसकी साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा बैठकें भी हों। इसके अलावा सुकमा और बीजापुर जिलों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों तथा राज्य सरकार के जिला पुलिस बलों के जवानों के लिए संयुक्त प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इसमें केन्द्रीय तथा जिला पुलिस बल के 50 से 60 जवानों को तीन दिन से लेकर पांच दिन तक का विशेष प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि दोनों में तालमेल और भी बढ़ सके। उन्होंने कहा - नक्सल समस्या के पूर्ण रूप से निराकरण के लिए प्रभावित इलाकों में सुरक्षा और विकास दोनों ही मोर्चे पर राज्य और केन्द्र सरकार की सभी एजेंसिया मिलकर काम कर रही है। केन्द्रीय तथा राज्य सुरक्षा बलों में भी बेहतर समन्वय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, दूर संचार नेटवर्क, सडक़ और विद्युत सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सुकमा जिले में हाल ही में हुई नक्सल मुठभेड़ में सीआरपीएफ जवानों की शहादत और नक्सलियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की हत्या की घटनाओं को दुर्भाग्य पूर्ण और निंदनीय बताते हुए कहा - प्रभावित इलाकों में सरकार की जनकल्याणकारी विकास योजनाओं के बढ़ते प्रभावों को देखकर नक्सली बौखलाहट में ऐसी वारदात कर रहे हैं, लेकिन वहां सुरक्षा बलों का मनोबल बहुत ऊंचा हैं और हम सब मिलकर नक्सलवाद को जल्द से जल्द पूरी समाप्त करेंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा और भी अधिक प्रभावी ऐरिया डोमिनेशन की जरूरत बताई। स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना को बढ़ाना तथा विकास मूलक कार्यों को गति देना इसका उद्देश्य होना चाहिए। साथ ही माओवादियों में भय पैदा करना घटनाओं की पूर्व सूचना प्राप्त करने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाना और अपने कार्य क्षेत्र में नक्सल घटनाओं की रोकथाम करना भी एरिया डोमिनेशन का लक्ष्य होना चाहिए। सुरक्षा बलों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र की भौगोलिक संरचना हथियारबंद माओवादियों और उनके समर्थकों की जानकारी तथा उनकी रणनीति की भी बेहतर समझ होनी चाहिए।
माओवादियों के खिलाफ आपरेशन जारी रहेगा
यूनिफाइड कमांड की बैठक के बाद डीजीपी एएन उपध्याय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बुरकापाल जैसी नक्सली घटनाओं से फोर्स का मनोबल कम नहीं होगा। नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन पहिलेकी तरह जारी रहेगा। उनके साथ स्पेशल डीजी नक्सल डीएम अवस्थी भी थे। उन्होंने कहा यूनिफाइड कमांड की बैठक में बुरकापाल हमले पर भी चर्चा हुई। रोड ओपनिंग पार्टी पर इस तरह का हमला लंबे समय बाद हुआ। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से रोड ओपनिंग के काम को रोका गया है। लेकिन, अब कार्रवाई पहले की तरह चलती रहेगी। नक्सल इलाके में सडक़ों का निर्माण भी पुलिस के लिए एक आपरेशन है। बुरकापाल जैसी घटनाओं को रोकने के लिए लोकल लेवल पर सूचना तंत्र को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।