रेलवे आठ लाख मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराएगी

कोरोना की मजबूरी में शहरों से गांवों को लौटे मजदूरों को रेलवे आठ लाख मानव दिवस के बराबर रोजगार उपलब्ध करायेगी;

Update: 2020-06-24 21:10 GMT

नयी दिल्ली। कोरोना की मजबूरी में शहरों से गांवों को लौटे मजदूरों को रेलवे आठ लाख मानव दिवस के बराबर रोजगार उपलब्ध करायेगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव की अध्यक्षता में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में शामिल 116 जिलों में ऐसी परियोजनाओं की पहचान की गई जिनमें इन श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है। बैठक में यह तय किया गया कि रेलवे 31 अक्टूबर तक अगले 125 दिन में 1,800 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में गांव लौटे प्रवासियों और अन्य के लिए आठ लाख मानव दिवस रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून को बिहार के खगड़िया जिले से इस अभियान की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य शहरों से गांव लौटे श्रमिकों को उनके गांवों के आसपास ही रोजगार प्रदान करना है। इसके लिए देश के उन 116 जिलों का चयन किया गया है जहाँ अधिक संख्या में श्रमिक लौटे हैं। ये जिले बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधकों, मंडल रेल प्रबंधकों और रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों ने हिस्सा लिया। इसमें लगभग 160 बुनियादी ढांचागत कार्यों की पहचान की गई है, जिनकी गति तेज की जानी है।

 यादव ने क्षेत्रीय रेलवे को हर जिले के साथ ही राज्यों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिया जिससे राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय कायम किया जा सके। उन्होंने क्षेत्रीय स्तर के रेलवे प्रशासन को परियोजनाओं से प्रवासियों का जुड़ाव सुनिश्चित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने और इस क्रम में भुगतान करने के निर्देश दिये।

रेलवे ने ऐसे रेल कार्यों की भी पहचान की है, जिन्हें मनरेगा के माध्यम से पूरा कराया जा सकता है। इनमें लेवल क्रॉसिंग के लिए संपर्क मार्गों का निर्माण एवं रखरखाव, रेल पटरियों से सटे अवरुद्ध जलमार्गों, खाइयों और नालियों के विकास और उनकी सफाई, रेलवे स्टेशनों को जाने वाले संपर्क मार्ग का निर्माण तथा रखरखाव, मौजूदा रेलवे तटबंधों/ कटाव (कटिंग्स) की मरम्मत और चौड़ीकरण, रेलवे की भूमि पर बड़ी सीमाओं पर वृक्ष लगवाना और मौजूदा तटबंधों/ कटाव/सेतुओं के लिए सुरक्षा से संबंधित काम शामिल हैं।


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