कश्मीर घाटी में आज लगातार चौथे दिन रेल सेवा स्थगित

कश्मीर घाटी में  आज लगातार चौथे दिन रेल सेवा स्थगित रही जिससे लोगों काे खासा परेशानियों का सामना करना प;

Update: 2018-10-25 11:00 GMT

श्रीनगर। कश्मीर घाटी में आज लगातार चौथे दिन रेल सेवा स्थगित रही जिससे लोगों काे खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा। रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादियों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादी संगठनों के नेताओं के समूह के हड़ताल के आह्वान मद्देनजर सुरक्षा कारणों से रेल सेवा को स्थगित रखा गया है।

कश्मीर में आठ अक्टूबर से शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनाव के पहले चरण से लेकर चौथे चरण के मतदान के बीच आंशिक अथवा पूर्ण रूप से दस बार रेल सेवाएं स्थगित की जा चुकी हैं।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात पुलिस से प्राप्त एडवाइजरी के तहत रेला सेवा को आज भी स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है। 

अलगाववादी नेताओं ने रविवार को ‘कुलगाम चलो’ हड़ताल के आह्वान किया था। कुलगाम घटना के विरोध में अलगाववादी संगठनों के नेताओं के समूह ने ‘लाल चौक चलो’ हड़ताल का आह्वान किया था जिसके बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए 22 अक्टूबर से रेल सेवा स्थगित कर दी गयी थी।

अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में रविवार से ट्रेन सेवा स्थगित है। रविवार को कुलगाम में मुठभेड़ के बाद से दक्षिण कश्मीर में बडगाम-श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड से जम्मू में बनिहाल क्षेत्र तक रेल सेवा को स्थगित कर दिया गया है। 

गौरतलब है कि रविवार को कुलगाम के लारू गांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गये थे। मुठभेड़ के तुरंत बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गये। इस दौरान वहां पड़े एक बम में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गयी और कई घायल हो गये।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नागरिकों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और विस्फोट में मरने वाले सभी लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राहत राशि देने का भी एलान किया है।

उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सलामती महत्वपूर्ण है इसलिए रेल विभाग स्थानीय प्रशासन और विशेषकर पुलिस की सलाहनुसार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान भड़की हिंसा के कारण रेलवे को पहले भी भारी नुकसान ऊठाना पड़ा था।

रेल सेवा घाटी में यातायात के अन्य साधनों के मुकाबले सस्ती, तेज और सुरक्षित होने के कारण स्थानीय लोगों में लोकप्रिय बन गयी है।

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