राजग सरकार के राफेल सौदे पूर्व प्रस्ताव से बेहतर : रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस की कंपनी दसॉ से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद के सौदे में प्रत्येक विमान की कीमत में 41 फीसदी की वृद्धि होने से संबंधित खबर को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया;

Update: 2019-01-19 00:06 GMT

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस की कंपनी दसॉ से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद के सौदे में प्रत्येक विमान की कीमत में 41 फीसदी की वृद्धि होने से संबंधित खबर को शुक्रवार को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय किए गए 126 विमान खरीद के प्रस्ताव की तुलना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के सौदे में बेहतर कीमत, डिलीवरी की अवधि और शर्ते हैं। 

रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि सर्वोच्च न्यायालय ने सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं पाई है और नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) को सभी फाइलों देखने को कहा गया है। 

रक्षा मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया अंग्रेजी अखबार 'हिंदू' में प्रकाशित एक खबर के बाद आई है, जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार के 36 राफेल जेट विमान खरीदने के फैसले में प्रत्येक विमान की कीमत 41 फीसदी बढ़ गई। 

कीमत बढ़ने की वजह के सौदे में अनिवार्य प्रक्रिया की उपेक्षा और विमान के डिजाइन और विकास में भारत केंद्रित 13 बदलाव बताई गई है। 

संप्रग सरकार में 126 विमान खरीद के सौदे किए गए थे, जबकि राजग सरकार के दौरान किए गए सौदे में 36 विमानों की खरीद शामिल हैं। 

मंत्रालय ने कहा, "मीडियम मल्टी रोल कंबैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) की लागत की तुलना भ्रामक है क्योंकि इसमें 2016 में 36 विमानों की खरीद की लागत पर कभी विचार ही नहीं किया गया। आईएसई की कीमत 2007 में 1.4 अरब यूरो बताते समय लेखक 2007 और 2015 के दौरान अंतर्निहित वृद्धि के कारक को शामिल करने में विफल रहे।"

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