लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए ‘मंथन’ जैसे कार्यक्रम आवश्यक:योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए ‘मंथन’जैसे कार्यक्रम आवश्यक हैं;

Update: 2019-09-22 16:59 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए ‘मंथन’जैसे कार्यक्रम आवश्यक हैं।

श्री योगी ने आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) ‘मंथन’ कार्यक्रम के अंतिम चरण ‘मंथन-3’ से पूर्व यहां अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को विशवसनीयता का प्रतीक बनाया जाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है और लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए ‘मंथन’ जैसे कार्यक्रम आवशक हैं।

उन्होंने ‘मंथन’ कार्यक्रम के जरिए से राज्य सरकार से जुड़ने के लिए आईआईएम, के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि शासन के विभागों और विभिन्न सब कमेटियों के माध्यम से यह कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम ने साबित किया है कि शासन-प्रशासन संचालित करने वाले अच्छे छात्र भी हो सकते है।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सभी के लिए कौतूहल और आशचर्य का विषय है। सामान्य धारणा है कि शासन-प्रशासन में बैठे लोग परिपूर्ण, सर्वज्ञ और सर्व-शक्तिमान होते हैं।

श्री योगी ने बताया कि वे मानते हैं कि ऐसी धारणा उचित नहीं है। जो व्यक्ति यह मानने लगता है कि वह सर्वज्ञ और

परिपूर्ण है, उसमें गिरावट और पतन की संभावनाएं दूर नहीं है।

इस मौके पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारीगण,आईआईएम की निदेशक प्रो0अर्चना शुक्ला सहित संस्थान के अन्य शिक्षाविद् उपस्थित थे।

गौरतलब है कि आठ सितम्बर रविवार को मंथन कार्यक्रम शुरु किया गया था। इस कार्यक्रम में अलग-अलग विषय थे। आईआईएम ने इस मंथन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रति मंत्री फीस के रूप में 12 हजार रुपये लिए हैं। इसका भुगतान नियोजन विभाग करेगा। मंथन का दूसरा सत्र 15 सितंबर को और दूसरा सत्र था।

Full View

Tags:    

Similar News