राष्ट्रपति चुनाव दो उम्मीदवारों के बारे में नहीं, बल्कि विचारधाराओं के बारे में है : यशवंत सिन्हा

विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को होने वाले मतदान से पहले अपनी अंतिम अपील करते हुए रविवार को कहा कि चुनाव दो उम्मीदवारों की पहचान के बारे में नहीं बल्कि विचारधाराओं और आदशरें के बारे में है;

Update: 2022-07-17 23:03 GMT

नई दिल्ली। विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को होने वाले मतदान से पहले अपनी अंतिम अपील करते हुए रविवार को कहा कि चुनाव दो उम्मीदवारों की पहचान के बारे में नहीं बल्कि विचारधाराओं और आदशरें के बारे में है। चुनाव से पहले ट्विटर पर अपना बयान साझा करते हुए सिन्हा ने कहा, "जैसा कि मैंने अपनी सभी बैठकों और मीडिया बातचीत में जोर दिया है, यह चुनाव मैदान में दो उम्मीदवारों की पहचान के बारे में नहीं है, बल्कि उन विचारधाराओं और आदशरें के बारे में है जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मेरी विचारधारा भारत का संविधान है। मेरे प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उन ताकतों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनकी विचारधारा संविधान को बदलना है। मैं भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए खड़ा हूं।"

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को उन लोगों का समर्थन प्राप्त है जो लोकतंत्र पर रोजाना हमले कर रहे हैं।

उन्होंने अपने बयान में कहा, "मेरे प्रतिद्वंद्वी को एक ऐसी पार्टी का समर्थन प्राप्त है जो टकराव और संघर्ष की राजनीति करती है। मैं बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक भारतीय नागरिक की संवैधानिक रूप से गारंटीकृत स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए खड़ा हूं। मेरे प्रतिद्वंद्वी को उन लोगों द्वारा चुना गया है जो इस सिद्धांत का उल्लंघन कर रहे हैं। मैं सामंजस्यपूर्ण केंद्र-राज्य संबंधों और सहकारी संघवाद के लिए खड़ा हूं। मेरा प्रतिद्वंद्वी उस प्रतिष्ठान का उम्मीदवार है जिसने भारतीय संविधान के संघीय ढांचे पर कई हमले किए हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि संविधान के महान निर्माताओं का यह कभी इरादा या उद्देश्य नहीं था कि हमारे समाज के किसी भी वर्ग के तुष्टीकरण के लिए गणतंत्र के सर्वोच्च पद का इस्तेमाल किया जाए।

सांसदों और विधायकों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनावों में पार्टियों द्वारा कोई व्हिप जारी नहीं किया गया है, और मतपत्र गुप्त है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि सांसद और विधायक अपने-अपने फैसले का इस्तेमाल कर सकें।

Full View

Tags:    

Similar News