बजट सत्र में राष्ट्रपति ने शुरु किया अभिभाषण, कहा- "तिरंगे और गणतंत्र दिवस का अपमान दुर्भाग्यूपर्ण"

संसद के बजट सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना अभिभाषण शुरु किया;

Update: 2021-01-29 11:49 GMT

नयी दिल्ली। संसद के बजट सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना अभिभाषण शुरु किया। राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान ऐतिहासिक लाल किले में तोड़फोड़ और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

राष्ट्रपति कोविंद ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण के दौरान कहा , “ पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। ”

उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने इन कानूनों को अभी स्थगित कर दिया है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को व्यापक विचार विमर्श के बाद संसद में पारित किया गया था।

उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ उपद्रवी तत्व लालकिले में पहुंच गये और वहां उन्होंने तिरंगे का अपमान किया तथा एक संगठन का झंडा वहां लगा दिया। इस दौरान उपद्रवियों तथा पुलिस के बीच झड़प हुई जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि इससे जहां लोकतंत्र मजबूत हुआ है, वहीं संविधान की प्रतिष्ठा भी सशक्त हुई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र के अभिभाषण में कहा, मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।

उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा, महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।

राष्ट्रपति ने कोरोना काल में आर्थिक मोर्चे पर सरकार के कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े। 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से 50 करोड़ मानव दिवस के बराबर रोजगार पैदा हुआ। करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्‍जवला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।

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