समाजवादी पार्टी ने लगाई योगी के गढ़ में सेंध, प्रवीण निषाद हुए विजयी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे उनकी कर्मभूमि गोरखपुर में पहली बार मिली कड़ी शिकस्त की वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मजबूत किला आज ध्वस्त हो गया;

Update: 2018-03-14 19:23 GMT

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे उनकी कर्मभूमि गोरखपुर में पहली बार मिली कड़ी शिकस्त की वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मजबूत किला आज ध्वस्त हो गया।

#Gorakhpur ByPoll: Samajwadi Party's Praveen Kumar Nishad wins by 21,881 votes pic.twitter.com/RBge3FcMYj

— ANI UP (@ANINewsUP) March 14, 2018


 

पांच बार लगातार इसी सीट से सांसद रहे योगी के मुख्यमंत्रित्वकाल के एक वर्ष के अन्दर ही उन्हें इतनी बडी ‘राजनीतिक हार’ मिली। योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजे ने भाजपा को हिलाकर रख दिया। भाजपा उम्मीदवार उपेन्द्र शुक्ल को समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने कडी पटखनी दी। निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी श्री शुक्ल को करीब 22 हजार मतों से हराया।

सपा उम्मीदवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा), पीस पार्टी और निषाद पार्टी का समर्थन हासिल था। योगी के समर्थक राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि गोरक्षपीठ से उम्मीदवार नहीं होने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। इस सीट पर दस बार गोरक्षपीठाधीश्वर चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 1967 में तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर मंहत दिग्विजय नाथ ने जीत हासिल की थी।

उनके निधन से 1971 में यहां उपचुनाव हुआ और मंहत अवैद्यनाथ विजयी रहे। वर्ष 1989 में वह हिन्दू महासभा के टिकट पर संसद पहुंचे, लेकिन 1991 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। वर्ष 1996 में भी महंत अवैद्यनाथ सांसद बने।
 

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