प्रणय रॉय के घर सीबीआई का छापा, सोशल मीडिया पर उबाल
NDTV के संस्थापक व मालिक प्रणयरॉयके घर सीबीआई छापे केबाद सोशल मीडिया पर उबाल आ गया है;
नई दिल्ली। NDTV के संस्थापक व मालिक प्रणयरॉय के घर सीबीआई छापे केबाद सोशल मीडिया पर उबाल आ गया है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर Prannoy Roy औरNDTV टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। देश भर के पत्रकारों ने सीबीआई की इस कार्रवाई को मोदी सरकार की घटिया हरकत करार दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार और “द हिन्दू” केपूर्व कार्यकारीसंपादक एम के वेणु ने लिखा -
प्रणय रॉय के घर सीबीआई छापा मीडिया के लिए संदेशहै। सरकार घटिया (लो ग्रेड) आपातकाल लागू कर रही है।
तहसीन पूनावाला ने लिखा -
यदि भारतीय मीडिया प्रणय रॉय के साथ खड़ा नहीं होगा तो आप निश्चिंत रहें आपका नंबर भी शीघ्र आएगा। भारत आधिकारिक तौर पर अब लोकतंत्र नहीं है
पूर्व पत्रकार और आम आदमी पार्टी के नेताआशीष खेतान ने लिखा
प्रणय रॉय पर सीबीआई छापे मोदी शासन के फासीवादी एजेंडा का एक और प्रमाण है। आशा है कि पत्रकार एकजुट होंगे, और साहस केसाथ लड़ेंगे।
गुजरात के चर्चित आईपीएस संजीव भट्ट ने लिखा -
लगता है संबित पात्रा - निधि राजदान शो के बादलंबे खंजर बाहर निकल आए हैं। नए भारत जाने का रास्ता।
स्तंभकार औरवरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा -
यह शर्म की बात है कि अन्य समाचार टीवी चैनल एनडीटीवी / प्रणय रॉय के साथ नहीं हैं। कल उन्हें भी लक्षित किया जाएगा।
पत्रकार सिद्धार्थ भाटिया ने लिखा -
क्या प्रणय रॉय पर सीबीआई छापे उन मीडिया संगठनों और पत्रकारों को संदेश हैं, जिन्होंने इस सरकार की आलोचना की है? यह काम करने वाला नहीं है।
CBI raid on Prannoy Roy is a message to the media in general to behave.Thegovt is resorting to low grade emergency.
If Indian media does not stand with Mr Prannoy Roy u can be rest assured your turn will come soon. India officially no longer a democracy.
CBI raid on Prannoy Roy is yet another proof of the fascist agenda of Modi regime. Hope journalists will unite, muster courage & fight back.
Seems the long daggers are out after the SambitPatra - NidhiRazdan showdown. Way to go New India! https://t.co/520HAuV9y4
It is a shame that other news TV channels are not standby NDTV/Prannoy Roy. Tomorrow they will be targeted.
Are the CBI raids on Prannoy Roy a message to media organisations and journalists critical of this government? Its not going to work