पावर ग्रिड की चिंताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि पावर ग्रिड की चिंताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो।;

Update: 2020-04-04 16:57 GMT

नई दिल्ली | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि पावर ग्रिड की चिंताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो। प्रियंका का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से अपील की उस अपील के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने देशवासियों से कहा था कि वे रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दें और दीया या मोमबत्ती जलाएं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा, जब देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुटता का इजहार कर रहा है, आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा पावर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो।

जब देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुटता का इजहार कर रहा है, आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा पॉवर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। ताकि संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो।https://t.co/Zk9UCwRUjE

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 4, 2020

 

उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की, जिसमें कहा गया है कि देश भर में एक ही समय में लाइट बंद करने से पावर ग्रिड फेल हो सकता है और ब्लैकआउट की संभावना पैदा हो सकती है।

उनकी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने शुक्रवार को एक बयान में आशंका व्यक्त की कि नौ मिनट के लिए एक साथ रोशनी बंद करने से बहु-राज्य ग्रिड का पतन हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में ब्लैकआउट हो सकता है। अपने बयान में राउत ने लोगों से अपील की कि इस स्थिति से बचने के लिए पांच अप्रैल को दीपक और मोमबत्तियों को प्रज्वलित करते समय घर पर आवश्यक रोशनी रखें।

राउत ने कहा, एक समय में बिजली बंद करने से बिजली की मांग कम हो सकती है। अगर नौ मिनट के लिए एक बार में सभी लाइट बंद हो जाती हैं, तो पूरे देश में ब्लैकआउट के परिणामस्वरूप ग्रिड के ढहने की संभावना होती है।

लॉकडाउन के कारण मांग और आपूर्ति की स्थिति में बदलाव होता है। अगर ग्रिड में मांग या आपूर्ति में अचानक गिरावट या वृद्धि होती है तो ग्रिड आवृत्ति (बारंबार होना) में गड़बड़ी हो सकती है।

उन्होंने कहा, संभावित स्थिति, नागरिकों और सभी बिजली उत्पादन को ध्यान में रखते हुए वितरण और ट्रांसमिशन कंपनियों को आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।

मंत्री ने कहा, अगर बिजली को एक साथ बंद कर दिया जाए, तो सभी पावर स्टेशन उच्च आवृत्ति पर जा सकते हैं और ग्रिड ट्रिपिंग की संभावना है। यदि सभी पावर स्टेशन बंद हो जाते हैं, तो मल्टी-स्टेट ग्रिड फेल हो सकता है।

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