ध्यान के लिए सकारात्मक चिंतन जरूरी

ध्यान की अनुभूति के लिए सकारात्मक चिंतन का होना बहुत जरूरी हैए बिना अच्छे विचार के हम मन को सकारात्मक दिशा प्रदान नहीं कर सकते क्योंकि मन का कार्य ही है विचार करना;

Update: 2018-06-19 15:20 GMT

प्यार मांगने वाले नहीं प्यार देने वाले बनें
बिलासपुर। ध्यान की अनुभूति के लिए सकारात्मक चिंतन का होना बहुत जरूरी हैए बिना अच्छे विचार के हम मन को सकारात्मक दिशा प्रदान नहीं कर सकते क्योंकि मन का कार्य ही है विचार करना।

धन,  पद प्रतिष्ठा, समाज में इज्जत आदि सब बहुत जरूरी है लेकिन वो जीवन जीते हुए भी हमारे भीतर सकारात्मकता बनी रहेए उसके लिए आध्यात्मिक ज्ञान की पराकाष्ठा का होना बहुत जरूरी है। हमने बहुत सारी ज्ञान की बातें सीखी लेकिन स्वयं की गहराई महसूस नहीं कर पाते। इसके लिए एक कहावत है कि रूह और जिस्म का अजीब इत्तेफाक है कि उम्रभर तो साथ रहे पर रू-ब-रू न हो सके।

बचपन से ही हमें पढ़ाई की ओर तो ले जाया जाता हैए ये अच्छी बात तो है लेकिन इसके साथ.साथ आध्यात्मिकता को धारण करना हमें हर क्षेत्र में स्थिरता प्रदान करता है। प्रेम आत्मा का मूल गुण है लेकिन हम सभी एक.दूसरे से प्रेम की डिमाण्ड कर रहे हैं लेकिन है किसी के पास नहीं, क्योंकि हम सभी डिस्चार्ज बैटरी की तरह हो गए हैं तो एक डिस्चार्ज बैटरी दूसरे डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज कैसे करेगी।

इसके लिए चार्जर की जरूरत है और चार्जर है मेडिटेशन, योगनिद्रा, ध्यान और मेडिटेशन के माध्यम से हम उस पॉवर हाउस परमात्मा से अपना कनेक्शन जोड़कर चार्ज हो जाते हैं। जिससे हमारे अंदर शांति, सुख, प्रेम, आनंद, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति का अविरल धारा का प्रवाह होता है।

ये बातें गुरूनानक स्कूल दयालबंद बिलासपुर स्थित महाराजा रणजीत सिंह सभागार में आयोजित सात दिवसीय योग षिविर के तीसरे दिन उपस्थित पीएससी के छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए छण्गण् योग आयोग की सदस्य एवं ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही।

प्राणायाम, आसन के साथ आज सभी ने किया योगनिद्रा का अभ्यास

दीदी ने आज सभी योग साधकों को योगनिद्रा का अभ्यास कराकर गहन शांति की अनुभूति कराई। आपने इसका लाभ बताते हुए कहा कि योगनिद्रा के अभ्यास से भय, क्रोध, चिंता तनाव, अवसाद से मुक्ति मिलती है तथा एकाग्रताए स्मृति व मनोबल का विकास होता है।

दीदी ने जानकारी दी कि योग शिविर के पश्चात् प्रतिदिन प्रात: 7:30 से 8:15 बजे 21 जून के योग के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो भी साधक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं वे सादर आमंत्रित हैं।

स्वस्थ तन, प्रसन्न मन और सुखी जीवन का आधार- राजयोग
 मंजू दीदी ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा विगत 32 वर्षों से माह के तीसरे रविवार को पूरे विश्व के 140 देशों में एक साथ और एक ही समय पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इस दिन शाम को 6:30 बजे सारे विष्व में सभी ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारियां मिलकर राजयोग के अभ्यास के द्वारा सारे विष्व में शान्ति के प्रकम्पन्न फैलाते हैं।

राजयोग सीखने के इच्छुक लोगों के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा टिकरापारा स्थित सेवाकेन्द्र में प्रतिदिन सायं 7 से 8:30 बजे नि:शुल्क राजयोग शिविर का आयोजन किया गया है। मंजू दीदी के सानिध्य में आयोजित इस शिविर में शामिल होकर राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति, स्प्रीच्युअल काउंसिलिंग आदि का लाभ लिया जा सकता है।

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