पूनम नी प्यारी-प्यारी रात” रास-गरबा की धूम गुजरात में

शरद पूर्णिमा के अवसर पर गुजरात में आज “पूनम नी प्यारी-प्यारी रात, मारी प्रीतम साथे छे मुलाकात, आज तू ना जाती” की धूम के साथ रास-गरबा का उल्लास जोरों पर है।;

Update: 2019-10-13 17:50 GMT

अहमदाबाद । शरद पूर्णिमा के अवसर पर गुजरात में आज “पूनम नी प्यारी-प्यारी रात, मारी प्रीतम साथे छे मुलाकात, आज तू ना जाती” की धूम के साथ रास-गरबा का उल्लास जोरों पर है।

राज्य के अहमदाबाद, राजकोट, जामनगर, सूरत सहित सभी शहरों में शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में दिनभर भजन कीर्तन, सुंदरकांड और हनुमान चालिसा के पाठ और रात को रास गरबा, रासोत्सव के आयोजन भी किए गए हैं।

प्राचीन लोककथा के अनुसार श्रीकृष्ण राधा रानी और अन्य सखियों के साथ आज की रात महारास रचाते हैं। तब चंद्रमा आसमान से रास देखकर भाव-विभोर हो जाता है और अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा शुरू कर देता है। इसीलिए राज्यभर में भक्तगण शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में दूध-पौंआ, दूध-चावल, बादाम से बनी खीर और घी में काली मिर्च मिलाकर खुले आसमान के नीचे रातभर रखकर उसमें ओंस की बूंदों को अमृत के रूप में बटोरेंगे और सुबह प्रसाद के रूप में इस खीर का वितरण करेंगे। माना जाता है कि अगले दिन सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है। शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।

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