प्रियांक खरगे को मिला कानूनी नोटिस, आरएसएस को बताया था 'कट्टरपंथी विचारधारा' और 'संविधान विरोधी' वाला

कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता ने कांग्रेस नेता एवं राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे को उनकी उस टिप्पणियों के लिए कानूनी नोटिस भेजा है जिनमें उन्होंने आरएसएस को 'कट्टरपंथी विचारधारा वाला और 'संविधान विरोधी' बताया था;

Update: 2025-09-10 11:31 GMT

आरएसएस पर टिप्पणी को लेकर प्रियांक खरगे को कानूनी नोटिस

बेंगलुरु। कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता ने कांग्रेस नेता एवं राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे को उनकी उस टिप्पणियों के लिए कानूनी नोटिस भेजा है जिनमें उन्होंने आरएसएस को 'कट्टरपंथी विचारधारा वाला और 'संविधान विरोधी' बताया था।

महाराष्ट्र में ठाणे स्थित आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने खरगे द्वारा करीब दो महीने पहले की गयी टिप्पणियों के लिए यह नोटिस जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये बयान मानहानिकारक और निराधार हैं।

अधिवक्ता आदित्य मिश्रा के माध्यम से भेजे गए अपने कानूनी नोटिस में याचिकाकर्ता चंपानेरकर ने दावा किया कि ये टिप्पणियां 'बेतुकी कल्पना' की उपज थी या 'जानबूझकर झूठ' फैलाने की साजिश थी। नोटिस में 15 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने की मांग की गयी है और ऐसा न करने पर मंत्री के खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी गयी है।

नोटिस में खरगे पर जनता की नजरों में आरएसएस और उसके स्वयंसेवकों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए 'बड़ी साजिश' रचने का भी आरोप लगाया गया है। चंपानेरकर ने दावा किया कि इन बयानों के कारण उन्हें और उनके सहयोगियों को घोर अपमान का सामना करना पड़ता है।

चंपानेरकर ने आरएसएस पर की गयी टिप्पणियों को लेकर पहले भी कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ कानूनी नोटिस दायर किए हैं तथा ये सभी मामले अभी भी ठाणे मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित हैं।

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