नवीन पटनायक ने बीजद के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई को लेकर सरकार की आलोचना की

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक ने मंगलवार को भुवनेश्वर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजू जनता दल (बीजद) कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की;

Update: 2025-07-17 03:56 GMT

भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक ने मंगलवार को भुवनेश्वर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजू जनता दल (बीजद) कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्ट में पटनायक ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के शासन में ओडिशा में लोकतांत्रिक विरोध का अधिकार गंभीर खतरे में है।

उन्होंने कहा कि बीजद नेता और कार्यकर्ता एफएम कॉलेज की छात्रा जिसकी कथित तौर पर संस्थागत उदासीनता और उपेक्षा का सामना करने के बाद मृत्यु हो गई थी के लिए न्याय की मांग को लेकर लोकसेवा भवन की ओर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना उकसावे के प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की और रबर की गोलियां भी चलाईं।

पटनायक ने लिखा कि बीजद ने शांतिपूर्ण विरोध करने के अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग किया, फिर भी सरकार ने अत्यधिक बल प्रयोग किया। पुलिस ने पानी की बौछारें की और आश्चर्यजनक रूप से बिना किसी औचित्य के रबर की गोलियां भी चलाईं।

उन्‍होंने हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो का जिक्र किया। इस वीडियो में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कथित तौर पर अपनी पुलिस को प्रदर्शनकारियों की 'टांगें तोड़ने' का निर्देश देते सुने गए थे, पटनायक ने कहा कि इसी मानसिकता के कारण अब बीजद कार्यकर्ताओं को असली चोटें आई हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आज दो पूर्व मंत्रियों की टांगें तोड़ दी गई, शायद सर्जरी की जरूरत होगी। एक महिला राज्यसभा सांसद, बीजद के अन्य वरिष्ठ नेताओं और कई पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बेरहमी से हमला किया। पुलिस की कार्रवाई को 'स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण' बताते हुए, बीजद नेता ने राज्य सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इन चौंकाने वाले निर्देशों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर की गई हिंसा के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए।

पटनायक ने जोर देकर कहा कि बीजद एफएम कॉलेज की छात्रा के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि न तो पानी की बौछारें और न ही रबर की गोलियां हमारे संकल्प को तोड़ सकती हैं। कोई भी ताकत न्याय और ओडिशा के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दबा नहीं सकती।

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