दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में छात्रों को पुलिस ने प्रदर्शन से रोका, हटाए बैनर पोस्टर

यूपीएससी छात्रों की मौत को लेकर राजेंद्र नगर इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस अपने साथ बस में बैठाकर दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बात करने ले गई है। इनके समक्ष छात्र अपनी बात रखेंगे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्हें पुलिस बस में बैठाकर ले जा रही है;

Update: 2024-07-31 13:33 GMT

नई दिल्ली। यूपीएससी छात्रों की मौत को लेकर राजेंद्र नगर इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस अपने साथ बस में बैठाकर दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बात करने ले गई है। इनके समक्ष छात्र अपनी बात रखेंगे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्हें पुलिस बस में बैठाकर ले जा रही है।

छात्रों ने कहा कि हम अपने साथी छात्रों को इंसाफ दिलाकर रहेंगे। लेकिन यह अफसोस की बात है कि हमें विरोध-प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है। पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर बैरिकेड लगा दिए हैं, ताकि छात्रों को प्रदर्शन करने से रोका जाए। पुलिस से पूछा गया कि आप छात्रों को प्रदर्शन करने से क्यों रोक रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से निर्देश मिला है। इस बीच कई छात्रों ने संतुष्टि जाहिर की है कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए उच्च अधिकारियों के पास ले जाया जा रहा है, जहां वो अपनी बात रख सकेंगे।

अपने साथियों की मौत से आक्रोशित छात्रों ने नगर निगम, दिल्ली सरकार और दिल्ली फायर सर्विस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले कई दिनों से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह के मंच बनाए हैं, जहां छात्र प्रदर्शन को धार देने के प्रयास में जुटे हुए हैं। अब तक पांच हजार छात्र इन सोशल मीडिया मंचों पर जुड़ चुके हैं, जहां वो अपनी बात रख रहे हैं।

अन्य राज्यों से भी कई छात्र दिल्ली में आकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के शिक्षण संस्थानों में नियमों की अनदेखी की जा रही है और प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। प्रशासन के संरक्षण में कोचिंग संस्थान नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिसकी वजह से छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों में कई जर्जर इमारतों में कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं और हैरानी की बात है कि वहां बड़ी संख्या में छात्र पढ़ने जाते हैं। यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन दुख की बात यह है कि कोचिंग संस्थानों द्वारा प्रशासन के मुंह में भारी भरकम रकम ठुसी जाती है, ताकि वो अपना कोचिंग चला सकें।

बता दें कि बीते दिनों ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में यूपीएससी की तैयारी करने वाले कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी घुस गया था। इसमें तीन छात्रों की मौत हो गई थी।

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