पुलिस ने 910 विदेशी जमातियों के खिलाफ 47 आरोप पत्र दाखिल किया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात मामले में 536 आरोपियों के खिलाफ साकेत कोर्ट में 12 अलग-अलग चार्जशीट दायर की;

Update: 2020-05-28 19:55 GMT

नयी दिल्ली । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात मामले में 536 आरोपियों के खिलाफ साकेत कोर्ट में 12 अलग-अलग चार्जशीट दायर की और इससे पहले के 35 आरोप पत्र दाखिल किये गये जिनमें कुल मिलाकर 910 विदेशी नागरिकों के नाम हैं।

पुलिस के अनुसार आज निजामुद्दीन मरकज मामले में 12 अलग-अलग आरोप पत्र दायर किये गये हैं जिनमें 536 आरोपी हैं। इससे पहले मंगलवार को 20 अलग-अलग आरोप पत्र और बुधवार को 15 अलग-अलग आरोप पत्र दायर किये गए हैं। अब तक निजामुद्दीन मरकज मामले में कुल 47 आरोप पत्र अपराध शाखा ने साकेत कोर्ट में दाखिल किये हैं इनमें कुल आरोपी 910 हैं तथा वे सभी विदेशी हैं। इन सभी विदेशी नागरिकों के खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन, भारतीय दंड संहिता की धारा 269, 271, धारा 144 का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत आरोप लगाये गये हैं।

पुलिस ने बताया कि इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन मरकज मामले में विदेशी नागरिकों के दो मामलों का भी निपटारा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि सभी 910 विदेशी नागरिकों को सरकारी क्वारंटीन से नौ अलग-अलग जगहों में रखा जाएगा। इनके खाने पर और अन्य खर्चे मरकज उठाएगी। कोई भी विदेशी नागरिक बिना पुलिस और अदालत की इजाजत के कहीं नहीं जाएगा। जिन नौ अलग-अलग जगहों पर जहां विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा उनकी जानकारी पुलिस को दी जाएगी। राज्य सरकार पर इन विदेशी नागरिकों की देखभाल का कोई दबाव नहीं होगा।

गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से हाल में इन विदेशी नागरिकों के ठहरने के लिए नौ स्थानों की सूची उच्च न्यायालय को सौंपी गई थी। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को इन स्थानों की तहकीकात कर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। दिल्ली पुलिस की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद उच्च न्यायालय ने 916 विदेशी नागरिकों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर से हटाकर उनके द्वारा बताये गये वैकल्पिक स्थानों पर रखने की इजाजत दे दी

उल्लेखनीय है कि तबलीगी जमात के विदेशी सदस्य अपना क्‍वारंटीन की अवधि खत्म कर चुके हैं लेकिन इनका पासपोर्ट और अन्य कागजात जब्त होने के बाद बिना सरकार की अनुमति के ये लोग अपने देश वापस नहीं जा सकेंगे।


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