मंदिर-मस्जिद के बाद स्वदेश लौटे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिवरात्रि पर्व के पहले आज यहां ओमान के सबसे प्राचीन शिव मंदिर जाकर पूजा अर्चना की;
मस्कट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिवरात्रि पर्व के पहले आज यहां ओमान के सबसे प्राचीन शिव मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री ने बाद में सुल्तान काबूस ग्रांड मस्जिद को भी देखा। उन्होंने मस्जिद की आगन्तुक पुस्तिका में टिप्पणी भी लिखी।
PM @narendramodi prays at the Shiva Temple in Muscat. One of the oldest temples in the region, it is situated in Muscat’s Matrah area and is said to have been constructed by merchants from Gujarat 125 years ago. It was renovated in 1999. pic.twitter.com/cB3lFm6Ygt
PM @narendramodi visited the Sultan Qaboos Grand Mosque in Muscat. pic.twitter.com/BdNmmJW19y
Prime Minister Narendra Modi visited Sultan Qaboos Grand Mosque in Muscat #Oman pic.twitter.com/8EA99ZLjoA
इसके बाद वह स्वदेश लौट आए। लौटने पर पीएम मोदी का स्वागत सुषमा स्वराज ने फूल का गुलदस्ता दे कर किया।
#WATCH: PM Narendra Modi arrives in Delhi after concluding his three nation visit to Palestine, UAE and Oman. pic.twitter.com/8UFM1RQgTk
Prime Minister Narendra Modi arrives at Palam airport in #Delhi after completing his visit to Palestine, UAE & Oman; received by EAM Sushma Swaraj pic.twitter.com/J95JSVHU7C
मोदी ने आेमान की यात्रा के सरकारी कार्यक्रम पूरे करने के बाद दिन में करीब 11 बजे करीब सवा सौ साल पुराने मोतीश्वर महादेव मंदिर पहुंचे तो वहां मौजूद प्रवासी भारतीय समुदाय ने उनका बहुत हर्ष एवं उल्लास से स्वागत किया।
Oman: Prime Minister Narendra Modi meets Indian community outside Shiva temple in Muscat pic.twitter.com/58br6DUSiU
उन्होंने इस मंदिर परिसर में आदि मोतीश्वर महादेव मंदिर, मोतीश्वर महादेव मंदिर और हनुमानजी मंदिर में जाकर दर्शन किये और अपने साथ लायें गंगाजल से महादेव का अभिषेक भी किया। प्रधानमंत्री ने पुजारियों एवं मंदिर की प्रबंध समिति के सदस्यों से भी मुलाकात की।
यह मंदिर तकरीबन 125 साल पुराना है और सीब एयरपोर्ट से 35 किमी दूर पुराने मस्कट के मातराह इलाके में सुल्तान के महल के पास स्थित है। यह खाड़ी क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसका जीर्णोद्धार 1999 में कराया गया था।
मस्कट रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित है लेकिन इस शिव मंदिर के परिसर में एक कुआं हैं जहां सालभर पानी रहता है। महाशिवरात्रि के दौरान करीब 20 हजार हिंदू यहां दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। शिवरात्रि के अलावा वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती और गणेश चतुर्थी जैसे पर्वों को मनाने के लिए लोग यहां हिंदू समुदाय के लोग एकत्र होते हैं।
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण गुजरात के कच्छ से नाता रखने वाले भाटिया व्यापारी समुदाय के लोगों ने कराया था। इस समुदाय के लोग 1507 में मस्कट में बसे थे। इस समुदाय के प्रभाव के कारण भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर गुजराती व्यापारी मस्कट को अपना दूसरा घर समझते रहे हैं। उसी का नतीजा है कि 16वीं सदी में मस्कट में कई हिंदू मंदिर और धार्मिक केंद्र स्थापित हुए।