अपनी बच्ची का शव दफनाने गए शख्स को गड्ढे में दफन मिली जीवित बच्ची

'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', यानि जिसकी रक्षा भगवान करते हैं, उसे कोई मार नहीं सकता। ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश में सामने आ;

Update: 2019-10-14 17:06 GMT

बरेली(उत्तर प्रदेश)। कहते हैं 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', यानि जिसकी रक्षा भगवान करते हैं, उसे कोई मार नहीं सकता। ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश में सामने आई है। दरअसल एक शख्स जन्म के कुछ मिनट बाद ही मर चुकी अपनी बेटी के शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोद रहा था और इसी दौरान खोदे गए गड्ढे में उसे मिट्टी के बर्तन में एक जीवित नवजात बच्ची मिली। रिपोर्ट के अनुसार, कारोबारी हितेश कुमार सिरोही ने नवजात बच्ची को बचाया और उसे रूई की मदद से दूध पिलाया। उसके बाद बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस अधीक्षक (शहरी) अभिनंदन सिंह के अनुसार, सिरोही की पत्नी वैशाली बरेली में सब-इंस्पेक्टर हैं।

प्रसव पीड़ा होने के कारण उन्हें बीते सप्ताह अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वैशाली ने सात महीने की प्री-मेच्योर बच्ची को जन्म दिया, जिसकी मौत जन्म के कुछ मिनट बाद ही हो गई।

सिरोही अपनी बेटी को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने लगे, इसी दौरान तीन फीट की गहराई पर कुदाल एक मिट्टी के बर्तन से टकराई। उन्होंने बर्तन को बाहर निकाला तो देखा उसमें एक जिदा बच्ची पड़ी थी।

एसपी ने कहा कि बच्ची जिंदा थी और तेज-तेज सांसें ले रही थी, उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया और वहां भर्ती कराया गया। अभी उसकी हालत स्थिर है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि बच्ची को जिंदा दफनाने वाले उसके अभिभावकों का अभी पता नहीं चल पाया है, उनकी तलाश की जा रही है।

बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) विनीत शुक्ला ने बताया कि स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक राजेश मिश्रा ने बच्ची के इलाज की जिम्मेदारी ली है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र पांडेय ने कहा कि नवजात शिशु को किसने जिंदा दफन किया था, इसका पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।

वहीं, दूसरी ओर कारोबारी ने उस बच्ची को गोद लेने की पेशकश की है।

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