हाथियों के उत्पात से थर्रा रहे कोरबा व कटघोरा के लोग

कोरबा व कटघोरा वनमंडल के जंगलों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा;

Update: 2018-07-13 14:28 GMT

आधी रात छुईढोढ़ा व दुल्लापुर में ढाया कहर, तोड़े मकान 
कोरबा। कोरबा व कटघोरा वनमंडल के जंगलों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा। कहीं दंतैल तो कहीं हाथियों का झुण्ड ग्रामीणों की जान लेने के साथ उनके मकान, बाड़ी को तहस-नहस कर रहा है। समस्या का स्थाई निराकरण न होने का खामियाजा जंगल से लगे गांव और इन गांवों से लगे रिहायशी इलाकों के लोग भुगत रहे हैं। मंगलवार की आधी रात ओमपुर कालोनी से लगे इलाके में दंतैल की दस्तक ने दहशत बढ़ा दी है। 

जानकारी के अनुसार मंगलवार रात लगभग 1 बजे दंतैल हाथी गणेश रजगामार से लगे ग्राम माड़ाबहार से निकलकर उरांव बस्ती से सीधे मौहरी निवासी रति राम अगरिया के केला बाड़ी में घुसा और उत्पात मचाया। बाड़ी में लगे नेट सेट को फाड़ते हुए और बाड़ी को तहस-नहस कर दंतैल एसईसीएल की कालोनी से लगे प्राथमिक शाला ओमपुर से होते हुए लक्ष्मी डेयरी के बगल से निकलकर छुहीडोढ़ा बस्ती में किसान की बाड़ी को तोड़ते हुए बॉस बाड़ी में जा पहुंचा।

इस दरम्यान आधी रात जब वन अमला का गश्ती वाहन ओमपुर कालोनी एवं मदरसा के पास सायरन बजाते पहुंचा तब लोगों को पता चला कि हाथी उनके आस-पास आ गया है। ग्रामीण रात भर जागते रहे और वन अमला भी पूरी रात चौकीदारी करता रहा। 
बताया जा रहा है कि दंतैल के अलावा कुछ और हाथी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि बीते करीब डेढ़ महीने से हाथियों का झुंड कोरबा वन मंडल के कोरकोमा, केरवा, डेंगुरडीह, बुंदेली, करुमौहा, आमाडाँड, छुईढोंड़ा, डूमरडीह, उरांव बस्ती, माड़ाबहार तथा रजगामार के जंगलों के अलावा कुदमुरा, करतला, सलिहाभांठा के आसपास विचरण कर रहा है। इनमें दल से बिछड़ा दंतैल आतंक का पर्याय बना हुआ है। खबरों के मुताबिक 31 हाथियों का दल करतला रेंज के चांपा, घोंटमार व मदवानी में मौजूद है। हाथियों के डर से ग्रामीण अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे कृषि कार्य पिछड़ रहा है। 9 हाथियों के दल ने कुदमुरा रेंज के कनकीखार के पास वन विभाग की नर्सरी में घुसकर पौधों को नुकसान पहुंचाया। 

कोरबा के अलावा कटघोरा वन मंडल के जंगल में भी हाथी दहशत का पर्याय बने हैं। बताया गया है कि पाली सर्किल के अंतिम छोर पर बसे ग्राम दुल्लापुर में हाथियों का दल पहुंच गया है। मंगलवार रात इस दल ने यहां भारी उत्पात मचाया और 4 ग्रामीणों के मकान को तहस-नहस कर दिया। सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हालात पर नजर रखी जा रही है। बरसात के मौसम में मकान क्षतिग्रस्त होने से प्रभावितों को काफी दिक्कतें हो रही हैं।
 

अंधेरे मेें हाथी प्रभावित क्षेत्र के गांव
हाथियों के द्वारा खासकर दंतैल के पैरों तले रौंद कर अब तक एक महीने के भीतर 6 ग्रामीणों की मौत से लोग सहमे हुए हैं।  मंगलवार की रात हाथी एसईसीएल की ओमपुर कालोनी में उसी जगह पहुँचा था जहां बीते वर्ष एक युवक को हाथी ने कुचलकर मार डाला था। उस घटना के वक्त कालोनी में बिजी गुल थी और युवक भोजन उपरांत टहलने के लिए घर से बाहर निकले थे। अंधेरे में हाथी युवक के पास पहुंचा और सूंड़ में लपेटकर पटक दिया था। घटना से आक्रोशित लोगों ने बिजली व्यवस्था पर सवाल उठाए, जिसके बाद कालोनी में बिजली रात के वक्त निरंतर चालू रखने की बात कही गई थी। दूसरी ओर कालोनी में अब भी अंधेरा छाया रहता है। 

यह जानकर भी कि उक्त इलाका हाथी प्रभावित हो चुका है और चारों ओर पर्याप्त रौशनी की आवश्यकता है, बावजूद इसके अंधेरा कायम है। स्थानीय लोगों के मुताबिक अंधेरा होने की वजह से हाथी रिहायसी इलाके में घुस रहे हैं क्योंकि ओमपुर कालोनी में रिक्त पड़े मकानों में अंधेरा है और इन्हीं घरों से लगा हुआ जंगल है जहां हाथियों का आवागमन है। जंगल से लगे हुए कई लोगों के कच्चे मकान भी हैं। अंधेरे का यही आलम हाथी प्रभावित अन्य गांवों में भी बना हुआ है। 

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