मोदी-मनोहर की पेंटिंग के दीवाने हुए लोग
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला विभिन्न संस्कृति व कलाओं का संगम है;
फरीदाबाद। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला विभिन्न संस्कृति व कलाओं का संगम है। फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला परिसर में पग-पग पर शिल्पकारों, बुनकरों व कारीगरों की कलाकृतियां देखते ही दिल में उतर जाती हैं, हैरान कर देती हैं, अपनी ओर खींच लेती हैं।
यहां अपनी कला को प्रदर्शित करने आएं कलाकार कोई नेशनल अवार्डी है तो किसी को स्टेट अवॉर्ड मिला है। अपनी कलाओं में पारंगत व नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर मशहूर इन शिल्पकारों की कला का हर कोई दीवाना हो जाता है।
लेकिन मेला परिसर में एक स्टॉल ऐसा भी है, जिन्हें कोई अवॉर्ड तो नहीं मिला, लेकिन इनके कद्रदानों की कोई कमी नहीं है। इस स्टॉल पर रखा समान किसी मंझे हुए शिल्पकार, बुनकर या कारीगर ने तो तैयार नहीं किया। बावजूद इसके स्टॉल के सामने से गुजर कर निकलने वाले हर पर्यटक की नजर यहां आकर ठहर जाती है।
जी हां हम बात कर रहे हैं मेले में हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए स्टाल नंबर 820 की। कैदियों द्वारा तैयार की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पेंटिंग्स स्टॉल के आकर्षण केंद्र हैं, जिन्हें लोग काफी पंसद कर रहे हैं। अधीक्षक अनिल कुमार, कांस्टेबल प्रभु दयाल, सुनील कुमार और श्याम सिंह ने बताया कि प्रदेषभर की जिलों के कैदियों द्वारा बनाए गए सामान यहां प्रदर्षित किए गए हैं, जिन्हें लोग काफी पंसद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सामान की कीमत 30 रूपए से लेकर 35 हजार रूपए तक है।
मोदी-मनोहर की पेंटिंग के दीवाने हुए लोग
स्टॉल नंबर-820 पर सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र है जो है वह देष के पीएम श्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की पेंटिंग, जो फरीदाबाद जेल के कैदी सुभाष ने बनाई हैं तथा ये पेंटिंग्स लोगों को खूब पसंद आ रही हैं। इसके अलावा बुद्धा, भगवान कृष्ण, राधा कृष्ण, गणेश की अदभुत पेंटिंग्स का कलेक्शन भी रखा है इस स्टॉल पर।
लोगों की चावल के दाने पर नाम लिखवाने में दिलचस्पी
आदमी अगर ठान ले तो उसके लिए कोई भी काम असंभव नहीं। सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में पहुंचे अंबाला जिले के गांव टुंडला से षिल्पकार पवन कुमार व उनकी धर्मपत्नी रेणुबाला इसे बखूबी साबित कर रहे हैं। पवन कुमार को चावल के दाने पर लोगों के नाम लिखने से लेकर तरह-तरह की कलाकृतियों जैसे की रिंग आदि पर नाम उकेरने में महारत हासिल है। उनकी कला को देखकर पर्यटक दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं।
पवन कुमार ने बताया कि वे पिछले कई सालों से यहां आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने छोटी उम्र से ही चावल के दानों पर लिखना या आकृतियां उकेरना शुरू कर दिया था। अब वह अपने काम में इतने पारंगत हैं कि चावल पर नाम के अलावा विभिन्न देशों के झंडे, फूल, देवी-देवताओं के चित्र भी उकेर सकते हैं। चावल पर यह आकृति उकेरने के बाद वह उन्हें खास तरह के शीशे में बंद करके देते हैं। इससे चावल पर लिखा चित्र बड़े आकार में दिखाई देता है।
पवन ने बताया कि चावल पर वह ब्रश और वाटर कलर के सहारे चित्र उकेरते हैं। चावल के दाने पर कुछ लिखने के लिए वह ट्रिपल जीरो ब्रश का इस्तेमाल करते हैं, जिसे वह खुद तैयार करते हैं। उनका अगला उदेश्य चावल पर कोई बड़ी कलाकृति बनाना है, जिसके लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। वह मात्र 20 से 30 सेकंड में चावल पर किसी का भी नाम लिख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि वे घरों के लिए नेम प्लेट भी डिजाईन करते हैं। सूरजकुंड मेला में दिगी से अपनी पत्नी संग मेला घूमने आए शोभित त्यागी ने बताया कि उन्होंने भी अपने घर के लिए एक नेम प्लेट बनवाई है जो बहुत ही सुन्दर है। इसी प्रकार हरियाणा के जिला झ'जर से आए हुए धर्मेन्द्र गुलिया ने बताया कि वे सूरजकुंड मेला में पहली बार मेला देखने आए हैं।
उनके साथ उनके दोस्त तथा सगे-संबंधी हैं। गुलिया का कहना है कि मेले में रौनक देखते ही बनती है और यहां के कीकर के वृक्षों को भी एक नया एंबियंष दिया गया है, जिन्हें देखकर काफी अ'छा महसूस हो रहा है। उनका कहना था कि ऐसा लग रहा है जैसे जंगल में मंगल हो गया हो।