दंतेवाड़ा में पहली बार होगी मूंगफली की खेती

दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में इस बार किसान  मूंगफली की खेती करेंगे.;

Update: 2017-06-21 17:17 GMT

दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में इस बार किसान  मूंगफली की खेती करेंगे। कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से जिले के चारों ब्लाक में केन्द्र सरकार की समूह प्रदर्शन योजना के यह खेती की जाएगी। 50 किसानों को इस फसल के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 

जिले में यह पहला प्रयोग है। दलहन और धान की खेती यहां व्यापक रूप में हो रही है। मूंगफली के लिए योजना पहली बार बनी है। एक एकड़ के हिसाब से 30 कि. ग्राम बीज किसानों को बांटा जाएगा। कारली के टिकरा जमीन में 6 एकड़ में इसकी खेती के लिए तैयारी हो रही है, वहीं ब्लाक में जो भी किसान इसके इच्छुक होंगे उन्हें मूंगफल्ली बीज दिया जाएगा। एक किसान 2 एकड़ तक जमीन में इसकी खेती कर सकता है। क्लस्टर के हिसाब से यह खेती होगी। 1 क्लस्टर में 10 एकड़ की जमीन शामिल की जा रही है। टिकरा भूमि में ही   मूंगफली  हो सकती है, इसी तरह की भूमि का चयन किया जा रहा है। वैसे कृषि विज्ञान केन्द्र के परिसर में प्रायोगिक तौर पर इसकी खेती हो रही थी और परिणाम बेहतर आने पर इसका जिले के चारों ब्लाक में खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। 

हरित क्रांति के क्षेत्र में दंतेवाड़ा में यह नई शुरूआत हो रही है। कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. नारायण साहू की माने तो जिले में किसानी के लिए काफी अच्छा वातावरण तैयार हुआ है। किसान अब जागरूक हो रहे हैं और नई-नई तकनीक के सहारे किसानी में आगे आ रहे हैं। मंूगफल्ली की खेती में किसानों को फायदा भी होगा और सफलता मिलेगी, ऐसी उम्मीद है। केवीके किसानों को इस मामले में तकनीकी और अन्य जानकारियां उपलब्ध करायेगा। 

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