अभिभावकों ने फीस विधेयक में सुझाव व आपत्ति दर्ज कराई

उत्तर प्रदेश शासन ने स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय, शुल्क विधेयक में आपत्तियों के साथ सुझाव मांगा गया है;

Update: 2017-12-20 14:28 GMT

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश शासन ने स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय, शुल्क विधेयक में आपत्तियों के साथ सुझाव मांगा गया है, शिक्षा अधिकार आन्दोलन के तले अभिभावकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रमुख सचिव माध्यमकिव शिक्षा विभाग को सुझाव व आपत्तियां ज्ञापन के माध्यम से दिया है।

मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर जिलाधिकारी के स्टेनो को ज्ञापन को दिया। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई कि नए विद्यालय प्रबंधन को फीस निर्धारण का अधिकार नहीं देना चाहिए, सुझाव में कहा गया कि पूरे प्रदेश के लिए एक मानक फीस नियत हो, जिला स्तर पर कमेटी बनाकर जिम्मेदारी दी जाए। प्रवेश शुल्क का जिले स्तर पर रखा जाए। छात्रों से प्रवेश शुल्क एक बार लिया जाए, जिसे सरकार तय करे, विकास व प्रवेश शुल्क एक हो। 

विकास शुल्क नहीं लेना चाहिए, प्रवेश शुल्क को ही विकास शुल्क समझा जाए, विकास शुल्क का प्रावधान अभिभावकों के साथ धोखा है। विकास शुल्क स्कूल के दूसरे शाखा के लिए नहीं होना चाहिए, दूसरी शाखा के लिए विकास शुल्क न्यायोचित नहीं है।

सरकार पूरे प्रदेश में एक प्रवेश नीति बनाए, बोर्ड द्वारा निर्धारित की गई पाठ्य पुस्तकें ही विद्यालय में चलाई जाए। शुल्क विनियामक समिति जिले स्तर पर बनाई जाए, जिसका अध्यक्ष जिलाधिकारी हों, विद्यालयों से एक सदस्य व कोई अभिभावक ही इस कमेटी के सदस्य हों।

नियम का पालन नहीं करने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई के लिए मण्डल स्तर पर अधिकारी नामित किया जाए।

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