दिल्ली सरकार ने लांच किया पैनिक अलार्म सिस्टम

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों मे महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को पैनिक अलार्म सिस्टम को लांच किया;

Update: 2018-03-08 11:01 GMT

अभी पायलट प्रोजेक्ट अगले साल तक सभी बसों होगा शुरू 

नई दिल्ली, 8 मार्च (देशबन्धु)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों मे महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को पैनिक अलार्म सिस्टम को लांच किया है। इस सिस्टम के लांच होने के बाद डीटीसी बसों में अब महिलाओं को तीन स्तरीय सुरक्षा मिलेगी। हालांकि बसों में यह पैनिक अलार्म अगले साल मार्च तक ही दिखेगी।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली की बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों में पैनिक अलार्म बटन महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमारी सरकार द्वारा उठाया गया तीसरा कदम है। हमारी सरकार पहले से ही सभी डीटीसी बसों में बस मार्शल तैनात कर चुकी है और 200 डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरों को पायलट आधार पर लागू किया है।

उन्होंने कहा कि मार्च 2019 तक हम सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों इन तीनों सुरक्षा कदमों को लागू कर देंगे। जिससे दिल्ली की महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और उत्पीडऩ मुक्त बस की सवारी मिलेगी। बुधवार को राजघाट-दो डिपो की रूट नंबर 522 की पांच कलस्टरों बसों में पैनिक बटन सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया है। यह परियोजना भारत में सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं की सुरक्षा के क्षेत्र में काम कर रही बैंगलोर स्थित एक गैर सरकारी संगठन प्रोजेक्ट दुर्गा के सहयोग से लागू की गई है।

श्री गहलोत ने बताया कि पैनिक अलार्म सिस्टम की पायलट परियोजना के अंतर्गत आने वाली बसों के सभी बस चालक दल के सदस्यों (ड्राइवर और कंडक्टर) को ऑपरेटिंग में प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक बस में चार पैनिक बटन लगाए गए हैं। यदि कोई भी अलार्म दबाया जाता है तो 40 सेकेंड के लिए एक जोर से बीपिंग अलार्म सक्रिय हो जाएगा जिसे निष्क्रिय नहीं किया जा सकता है। अलार्म को सुनने के बाद, चालक सड़क के बायीं तरफ  बस ले जाएगा और उसे रोकेगा और कंडक्टर अलार्म को किस स्थान पर दबाया गया है वहां जाएगा और स्थिति का अवलोकन करेगा। यदि किसी के साथ कुछ गलत हुआ है तो कंडक्टर तुरंत डिपो मैनेजर को फोन करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो पीसीआर वैन को सूचित करेगा। आतंक अलार्म प्रणाली को बस जीपीएस लोकेशन के साथ जोड़ा जाएगा जिससे बटन दबते ही कश्मीरी गेट पर स्थित डिम्टस् का सेंट्रल कमांड सेंटर और क्लस्टर बस संचालन के डिपो प्रबंधक सर्तक हो जाएंगे।

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