पाकिस्तानी सेना ने संविधान को कायम रखने के जनरल बाजवा के रुख का समर्थन किया

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने और संस्था और समाज के बीच विभाजन पैदा करने के लिए हाल ही में चलाए जा रहे प्रचार अभियान पर गौर किया है;

Update: 2022-04-12 23:16 GMT

इस्लामाबाद। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने और संस्था और समाज के बीच विभाजन पैदा करने के लिए हाल ही में चलाए जा रहे प्रचार अभियान पर गौर किया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सेना के मीडिया विंग, आईएसपीआर के अनुसार, फोरम ने संविधान और कानून के शासन को हर कीमत पर बनाए रखने के लिए नेतृत्व के सुविचारित रुख में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है।

रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में 79वें फॉर्मेशन कमांडरों के सम्मेलन के बाद यह बयान आया है।

थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस), जनरल कमर जावेद बाजवा ने सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसमें कोर कमांडरों, प्रमुख स्टाफ अधिकारियों और पाकिस्तानी सेना के सभी फॉर्मेशन कमांडरों ने भाग लिया।

सेना प्रमुख ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए संरचनाओं और प्रतिक्रिया तंत्र की परिचालन तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।

सेना की मीडिया शाखा ने बयान में बाजवा के हवाले से कहा, "पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा अबाध्य है।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना इसकी रक्षा के लिए हमेशा सरकारी संस्थानों के साथ खड़ी रही है और बिना किसी समझौते के हमेशा खड़ी रहेगी।"

आईएसपीआर ने बाजवा के हवाले से कहा कि पाकिस्तानी सेना अपनी जिम्मेदारियों से अवगत है और सभी परिस्थितियों में सभी आंतरिक और बाहरी खतरों के खिलाफ पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना जारी रखेगी।

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