आरटीआई विधेयक प्रवर समिति के पास भेजने पर अड़ा रहा विपक्ष

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल गुरुवार को राज्यसभा में आरटीआई संशोधन विधेयक पर चर्चा करने व इसे पारित करने से पहले प्रवर समिति (सिलेक्ट कमेटी) को भेजने की मांग पर अड़ गए;

Update: 2019-07-25 23:44 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल गुरुवार को राज्यसभा में आरटीआई संशोधन विधेयक पर चर्चा करने व इसे पारित करने से पहले प्रवर समिति (सिलेक्ट कमेटी) को भेजने की मांग पर अड़ गए। 

राज्यसभा में मचे शोरगुल के बीच कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में संशोधन करने और इसे पारित करने के लिए विधेयक को सामने रखा।

वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य इसे प्रवर समिति के पास भेजने पर अड़े रहे। विपक्ष ने कहा, "हम प्रवर समिति चाहते हैं।" इसके अलावा उन्होंने कहा, "आरटीआई के कमजोर पड़ने को स्वीकार नहीं किया जाएगा।" इस बीच अध्यक्ष को कुछ देर के लिए लिए दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित विपक्ष ने स्थिति स्पष्ट कर दी कि वे प्रवर समिति के पास भेजे बिना विधेयक पर सहमत नहीं होंगे।

वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सदन लोकसभा में पारित किए गए विधेयकों को पारित करने के लिए बाध्य नहीं है।

राज्यसभा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, "सदन को अपने कर्तव्य के प्रति जीवंत रहना चाहिए।"

इसी बीच अध्यक्ष ने विधेयक पर चर्चा की अनुमति देते हुए कहा कि चर्चा समाप्त होने के बाद विधेयक को समिति के पास भेजा जा सकता है। अधिकांश विपक्षी सदस्य हालांकि इस निर्णय के प्रति आश्वस्त नहीं दिखे और अपना विरोध जारी रखा।

विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध तब भी जारी रखा, जब जितेंद्र सिंह ने कहा कि आरटीआई का प्रभाव कम करने का उनका कोई भी इरादा नहीं है और विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है।

एआईएडीएमके सदस्य नवनीत कृष्णा ने विधेयक का समर्थन किया।

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