'एनआरआई ठग दूल्हों की शिकार महिलाओं के लिए खुले सहायता केंद्र'

महाराष्ट्र महिला आयोग ने विदेश मंत्रालय से एनआरआई ठग दूल्हों की शिकार महिलाओं के लिए एकल खिड़की सहायता केंद्र खोलने का अनुरोध किया है ताकि ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके;

Update: 2018-07-27 00:09 GMT

नई दिल्ली। महाराष्ट्र महिला आयोग ने विदेश मंत्रालय से एनआरआई ठग दूल्हों की शिकार महिलाओं के लिए एकल खिड़की सहायता केंद्र खोलने का अनुरोध किया है ताकि ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने कहा, "विदेश मंत्रालय कोई ऐसा तंत्र बनाए जिससे ऐसे ठग दुल्हों को विदेशों में भी उनके मामलों से संबंधित समन भेजे जा सके, जिससे वे इनकार नहीं कर पाए कि उन्हें कानूनी कार्यवाही के बारे में कुछ पता नहीं था।" 

उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि यहां पर शादी करके जाने वाले एनआरआई ठग दूल्हा अक्सर विदेश में जाने के बाद अपना पता, ईमेल भी बदल लेते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि अगर वह अपनी पत्नी को यहां पर छोड़कर जाते हैं तो उन्हें कानूनी नोटिस मिल सकता है जिससे भविष्य में उन्हें परेशानी हो सकती है। यही वजह है हमने उन्हें समन भेजने में विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है। 

विजया रहाटकर ने कहा कि पिछले तीन साल में 3,300 ऐसे मामले दर्ज हुए जिसमें एनआरआई ठग दूल्हों को लेकर शिकायत दी गई। हमारा प्रयास है कि ऐसे बढ़ते मामलों को देखते हुए एक समुचित कदम उठाया जाए, जिससे ऐसे मामलों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके। साथ ही दोषी ठग दूल्हों को सजा दिलाई जा सके। 

रहाटकर ने कहा कि हमने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे अपनी वेबसाइट पर ऐसे ठग दूल्हों को जारी होने वाले समन को जारी करे और निश्चित प्रक्रिया के बाद उनके पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया को भी शुरू करे। सभी राज्य महिला आयोग की ओर से इस प्रस्ताव को समर्थन हासिल हुआ है। रहाटकर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सेमिनार में शिकरत के दौरान इस मसले पर किसी निर्णय से अवगत कराएंगी। 

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