ओमप्रकाश राजभर ने 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने आज राज्य की 39 लोकसभा सीटों पर पांचवें, छठे तथा सातवे चरण में चुनाव लड़ने की घोषणा की;

Update: 2019-04-16 15:11 GMT

लखनऊ । राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) से नाता तोड़ने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने आज राज्य की 39 लोकसभा सीटों पर पांचवें, छठे तथा सातवे चरण में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। 

सुभासपा ने घोषणा की है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में राजग से नाता तोड़ लिया है, लेकिन राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के साथ उनका सहयोग जारी रहेगा। 

सुभासपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ में उम्मीदवारों की घोषणा की है।पार्टी ने वाराणसी सीट से एक सिद्धार्थ राजभर और लखनऊ सीट से बब्बन राजभर को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने सभी जिन 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है, उसने अधिकांश सीटों पर राजभर और अन्य सबसे पिछड़े समुदाय को मैदान में उतारा है।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने उनकी पार्टी की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का समर्थन किया था, जिसके चलते पूर्वांचल से 125 सीटें मिलीं, जो किसी भी पार्टी के लिए एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा, “हम अब भी भाजपा के साथ 2019 का चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने हमारा समर्थन करने के बजाय, मेरा अपमान किया और यहां तक ​​कि मुझे पूर्वांचल में घोसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया,” उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिये अथक परिश्रम किया। पार्टी को बनाने के लिए 16 साल लगा दिये और अब भाजपा उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अपना दल और भारतीय समाज दल के साथ भाजपा का गठबंधन है। सुभासपा की अनदेखी कर दी। अपना दल को दो सीटें दी गई। भाजपा ने हमारा अपमान किया।

राजभर ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन में से किसी ने राजभर समाज को टिकट नही दिया। उन्होंने कहा कि हमारी आज भी इच्छा है कि भाजपा के साथ चुनाव लड़े। हम किसी को हराने के लिये नही लड़ रहे है। हम जीतने के लिये लड़ रहे है। घोसी सीट पर भाजपा को कोई सहयोगी नही मिल रहा था। हमें सहयोगी समझते तो यह सीट सुभासपा को देते।

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