हुकुम सिंह के निधन से ग्राम नवनिर्माण और स्वावलंबन योजना खत्म होने की कगार पर
चौधरी चरण सिंह के बाद क्षेत्र में कद्दावर नेता कैराना के सांसद हुकुम सिंह के असामयिक निधन से यहां उनके प्रस्तावित ड्रीम प्रोजेक्ट “ग्राम नवनिर्माण एवं स्वावलंबन” योजना के अधर में लटकने की आशंका है। ;
अमरोहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत को गत 45 वर्ष से अपनी दमदार उपस्थिति से प्रभावित करने वाले तथा चौधरी चरण सिंह के बाद क्षेत्र में कद्दावर नेता कैराना के सांसद हुकुम सिंह के असामयिक निधन से यहां उनके प्रस्तावित ड्रीम प्रोजेक्ट “ग्राम नवनिर्माण एवं स्वावलंबन” योजना के अधर में लटकने की आशंका है।
दिवंगत सांसद सिंह अमरोहा के जिला प्रभारी मंत्री रहते मंडी धनौरा में साठ के दशक में कमेलपुर-धनौरा क्षेत्र की सघन क्षेत्र योजना को गहनता से समझा तथा इससे प्रेरित होकर उन्होंने ‘सनातन माॅडल आॅफ इकानामी’ का सूत्रपात कर सर्वसमावेशी, समग्र विकास तथा गांव-कृषि पर आधारित ग्राम स्वावलंबन योजना को मूर्त रूप देने में लगे थे। उन्होंने नारा दिया था “ताकि शहर चलें गांव की ओर”। सिंह को उनके चाहने वाले बाबू हुकुम सिंह के नाम से पुकारते थे।
गत तीन फरवरी को प्रदेश के कृषि, उर्जा, संसदीय कार्य सहित कई विभागों के मंत्रालयों का दायित्व संभाल चुके और आठ मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके केन्द्रीय संसदीय समिति एवं जल आयोग के अध्यक्ष रहे हुकुम सिंह के असामायिक निधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसान राजनीति को गहरा धक्का पंहुचा है।
वहीं गांव-गरीब तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कुटीर उद्योगों को जिंदा रखने के लिए उनके ड्रीम प्रोजेक्ट “सनातन माडल आफ इकानामी” ग्राम स्वावलंबन योजना को भी अब ग्रहण लग गया है।