मन्नान वानी को लेकर महबूबा मुफ्ती के बयान की उमर अब्दुल्ला ने की आलोचना
शनल कांफ्रेेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शोध छात्र से आतंकवादी बने मन्नान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेेड़ में मारे जाने पर महबूबा मुफ्ती के बयान की कड़ी आलोचना की;
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शोध छात्र से आतंकवादी बने मन्नान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेेड़ में मारे जाने पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुुुख महबूबा मुफ्ती के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनकी झूठी हमदर्दी और घड़ियाली आंसूूूू पहले कारगर थे लेकिन लोग अब उनके बहकावे में नहीं आएंगे।
मुफ्ती ने मन्नान वानी के मारे जाने पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा था,“ वह कश्मीर घाटी में अनवरत हिंसा का शिकार बना है।”
अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा,“ मुुफ्ती की याद्दाश्त बहुत कमजाेर है अौर वह इस बात को भूल गयी हैं कि अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने इसी चीज को बढ़ावा दिया था और अब वह अनवरत हिंसा के बारे में कोई प्रतिक्रिया करने की स्थिति में नहीं हैं।”
How short Ms Mufti’s memory is! She forgets that she was the architect & beneficiary (it kept her allies in good humour) for her entire period in office. She is in no position to criticise anyone for ‘relentless violence’. https://t.co/Q2z6Hyj7cZ
She headed the Unified Command which directed the security forces to execute “Operation All-out” & she famously justified the killing of young protestors in 2016 saying “they aren’t coming out to buy milk or toffees”.
Ms Mufti’s Govt made every effort to trap & kill Manan Wani coming close a few times. Her fake sympathy & crocodile tears for dead Kashmiri militants worked for a few years, they won’t work again.
उन्होंने कहा कि मुुफ्ती ने एकीकृत कमान की अध्यक्षता की थी और सुुरक्षा बलों को आतंकवादियों के सफाए संबंधी निर्देश दिए थे तथा 2016 में मारे गए प्रदर्शनकारियों के बारे में यह बयान जारी किया था,“ वे दूध अथवा टाफी खरीदने के लिए बाहर नहीं अाए थे। मृत कश्मीरी आतंकवादियाें के बारे में उनके घड़ियाली आंंसू काफी पहले काम कर जाते थे लेेकिन अब काम नहीं करेंगे।”