मप्र में नेताओं का निशाना बन रहे अफसर व कर्मचारी

मध्यप्रदेश में सरकार के निर्देशों का पालन करने वाले अफसर और कर्मचारी सत्ताधारी कांग्रेस से लेकर अन्य राजनीतिक दलों से संबंधित नेताओं के निशाने पर आ गए;

Update: 2019-11-07 17:12 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार के निर्देशों का पालन करने वाले अफसर और कर्मचारी सत्ताधारी कांग्रेस से लेकर अन्य राजनीतिक दलों से संबंधित नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। कोई नेता उन्हें दफ्तर में घुसकर धमका रहा है तो कोई कर्मचारियों को सरेआम पीट देता है। पुलिस के पास ऐसी कई शिकायतें भी दर्ज हो चुकी हैं। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिना अनुमति सार्वजनिक स्थलों पर लगे होर्डिग व पोस्टर हटाने के निर्देश जारी किए थे। मगर यह बात कई नेताओं और उनके समर्थकों को रास नहीं आई। यही कारण है कि होर्डिग व पोस्टर अब भी सड़कों पर लगाए जाने का सिलसिला जारी है।

इंदौर के रिहायशी इलाके में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी राम सिलावट के जन्मदिन से संबंधित होर्डिग-पोस्टर लगाए गए थे। निगम के कर्मचारी जब होर्डिग-पोस्टर हटाने पहुंचे तो सिलावट के समर्थकों ने उनकी पिटाई कर दी। नगर निगम कर्मियों को सड़क पर दौड़ाकर पीटा गया।

निगम कर्मचारियों की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ा तो महापौर मालिनी गौड़ ने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाए और उसके बाद संयोगिता गंज में निगमकर्मी सचिन बमनेरे ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है।

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए साफ कर दिया है कि वे बगैर अनुमति होर्डिंग नहीं लगने देंगे, चाहे उसमें स्वयं मुख्यमंत्री की तस्वीर ही क्यों न हो।

इसी तरह मंत्री लाखन सिंह यादव के कथित भतीजे ने श्योपुर जिले में पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को धमकाया। इस पर सीईओ की ओर से थाने में बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

इससे पहले मंगलवार को दमोह में बसपा विधायक राम बाई द्वारा एक अधिकारी को कार्यालय में घुसकर धमकाया गया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रामबाई इस वीडियो में एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उस पर भड़क रही है।

अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हो रही घटनाओं पर तंज सकते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विकास बोंद्रिया ने कहा कि ये घटनाएं कांग्रेस सरकार में शामिल लोगों और उनके सगे संबंधियों की नीति और नीयत को स्पष्ट कर रही है।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि सरकार ने प्रशासन को पूरी तरह स्वतंत्रता दी है, तभी तो अभद्रता करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं।
 

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