अंधेरे में न रखें अधिकारी, फाईल पर मंत्री, मुख्यमंत्री की अनुमति है जरूरी

दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को दो टूक कहा है कि वे नियमत: सभी फाइलें बिना विभाग प्रमुख मंत्री अथवा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए व उनकी मंजूरी के आगे किसी भी प्रक्रिया में न ले जाएं;

Update: 2017-07-25 00:00 GMT

मंत्री ने दिया आदेश...

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को दो टूक कहा है कि वे नियमत: सभी फाइलें बिना विभाग प्रमुख मंत्री अथवा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए व उनकी मंजूरी के आगे किसी भी प्रक्रिया में न ले जाएं।

राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्टैंडिंग ऑर्डर जारी करते हुए कहा है कि कई अधिकारी मुख्यमंत्री व मंत्री को अंधेरे में रखते हुए फाईलों को निपटा रहे हैं। उन्होने इस मामले में स्कॉलरशिप मामले की फाईल का जिक्र भी किया। 

बता दें कि स्कॉलरशिप मामले में दिल्ली के करीबन पांच लाख छात्रों को कई वर्ष से स्कॉलरशिप नहीं दी जा सकी है और यह मामला दिल्ली विधानसभा में भी जोरदार ढंग से उठाया गया था।

आज जारी एक आदेश में दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा है कि ट्रांजैक्शन बिजनेस रूल्स के नियम 21 के मुताबिक सभी पत्राचार, संदेश सचिव द्वारा संबंधित मंत्री, मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल को सूचनार्थ रखे जाएं। अत: भविष्य में यह ध्यान रखते हुए सभी मामलों में बिना मंत्री व मुख्यमंत्री की बिना अनुमति के फाईल को आगे नहीं बढ़ाया जाए। 

गौरतलब है कि स्कॉलरशिप मामले में जहां अब पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तो वहीं ज्ञात हुआ है कि अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप के मामले को पहले राजस्व विभाग देखता था फिर एससीएसटी, अल्पसंख्यक विभाग को दे दिया गया लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की गई।

अब मामले को पटरी पर लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों की माने तो स्कॉलरशिप के मामलों में एडीएम को सभी लाभार्थियों के सत्यापन कार्य को भी तेजी से करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। 

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