जेएनयू में रद्द हुआ कश्मीर को 'भारतीय कब्जे वाला कश्मीर' कहने वाला आपत्तिजनक वेबिनार

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया;

Update: 2021-10-30 06:26 GMT

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। यह ऑनलाइन वेबिनार कश्मीर को लेकर था। इसमें जम्मू और कश्मीर को 'भारतीय कब्जे वाला कश्मीर' के रूप में संबोधित किया जा रहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक ऐसे कई आपत्तिजनक तथ्यों की जानकारी सामने आने के उपरांत प्रशासन ने तुरंत यह वेबीनार रुकवाने और रद्द करने का निर्देश दिया। जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने बताया कि जैसे ही हमारे संज्ञान में आया कि सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज, जेएनयू द्वारा शुक्रवार रात 8 बजकर 30 मिनट पर 'जेंडर्ड रेजिस्टेंस एंड फ्रेश चैलेंजेज इन पोस्ट-2019 कश्मीर' नामक एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया था। जेएनयू प्रशासन ने तुरंत संकाय सदस्य को निर्देश दिया और कार्यक्रम को तत्काल रद्द कर दिया गया।

जेएनयू के कई छात्रों और शिक्षकों ने यहां कश्मीर को लेकर किये गए संबोधन पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। शिक्षकों ने जेएनयू प्रशासन को इसकी जानकारी दी और अपनी आपत्ति दर्ज कराई। छात्र संगठन एबीवीपी ने इसे गैर संवैधानिक वेबिनार कहा है। एबीवीपी ने कहा कि कि वेबिनार वेबपेज ने जम्मू और कश्मीर को 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' के रूप में संबोधित किया है, जिस पर उन्हें आपत्ति है।

जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन की योजना बनाने से पहले संकाय सदस्य ने प्रशासन की अनुमति नहीं ली। वेबिनार के नोटिस में कहा गया है, "यह बात कश्मीर में भारत के लिए लिंग प्रतिरोध की नृवंशविज्ञान पर आकर्षित और निर्माण करेगी। यह बेहद आपत्तिजनक और उकसाने वाला विषय है, जो हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल खड़ा करता है। जेएनयू इस तरह के बहुत ही संदिग्ध वेबिनार का मंच नहीं हो सकता है। मामले की जांच की जा रही है।"

कश्मीर को भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है, लेकिन यहां इसे 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' के रूप में संबोधित किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। शिक्षकों के मुताबिक ऐसा करके जेएनयू को देश विरोधी दर्शाने का प्रयास किया जा रहा था। इस वेबिवार को रद्द करवाने पर शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि जेएनयू ने आतंकवाद के खिलाफ एक विशेष पाठ्यक्रम भी तैयार किया है। यह पाठ्यक्रम भारतीय परिप्रेक्ष्य में तैयार किया गया है। जेएनयू की अकादमिक काउंसिल और कार्यकारी परिषद भी इस पाठ्यक्रम मंजूरी दे चुकी है।

जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार कहा चुके हैं कि विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। विश्वविद्यालय में मेडिकल स्कूल की स्थापना व आतंकवाद विरोधी पाठ्यक्रम पर अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद में पर्याप्त चर्चा की गई है। इन चर्चाओं के उपरांत ही इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

कोरोना के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों को फिर से खोला जा रहा है। इसी क्रम में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने तीसरे वर्ष के पीएचडी छात्रों के लिए कैंपस खोल दिया है। एमएससी और बीटेक छात्रों के लिए कैंपस खोला गया है।

जेएनयू में चौथे चरण की रिओपनिंग शुरू हो चुकी है। चौथे चरण में एमएससी फाइनल ईयर और बीटेक चौथे वर्ष के सभी छात्रों को विश्वविद्यालय कैंपस में आने की अनुमति है।

Full View

Tags:    

Similar News