तबादले के बाद भी नहीं कर रहे कार्यमुक्त, मांगी इच्छामृत्यु
स्वयं के व्यय पर तबादला कराने के बाद भी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को विभाग द्वारा कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है;
कोरबा। स्वयं के व्यय पर तबादला कराने के बाद भी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को विभाग द्वारा कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। महिला ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुये मांग की है कि उसे तत्काल कार्यमुक्त किया जाये अथवा इच्छा मृत्यु हेतु आदेश दिया जाये।
कलेक्टर जनदर्शन में अपनी शिकायत लेकर पहुंची महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पितर बाई पटेल ने बताया कि करतला सीएचसी में पदस्थ थी एवं 13 अगस्त 2017 को उसका स्थानांतरण शासन द्वारा स्वयं के व्यय से उप स्वास्थ्य केन्द्र बगोध विकासखंड डभरा जिला जांजगीर-चांपा में हुआ है। तबादला के बाद 18 अगस्त को खंड चिकित्साधिकारी करतला, 21 अगस्त को सीएमएचओ व 8 सितंबर को जिलाधीश के समक्ष कार्यमुक्ति हेतु आवेदन दे चुकी है लेकिन अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
पितर बाई का कहना है कि अधिकारी उसे रिलीवर लाने के लिये कह रहे हैं जबकि पिछले वर्ष पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं महिला सुपरवाइजर के साथ ऐसी कोई शर्त रखे बिना जांजगीर-चांपा व अन्य जिले में स्थानांतरण पर कार्यमुक्त कर दिया गया था। अधिकारियों के रवैये से मानसिक तौर पर तनावग्रस्त होना बताकर इस स्थिति में किसी भी तरह के अप्रिय घटना को अंजाम दिये जाने के लिये संपूर्ण रूप से अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
कलेक्टर के आदेश पर भी शिक्षिका को नहीं किया कार्यमुक्त
लोक सुराज अभियान एवं विभिन्न शिविरों में आश्वासन मिलने के बाद भी शिक्षिका आशालता लकड़ा को आदिवासी कन्या आश्रम सतरेंगा से मूल पदस्थापना हेतु कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है जबकि तत्कालीन कलेक्टर द्वारा शिकायत के 15 दिवस के भीतर शिक्षिका को वापस मूल पदस्थापना में भेजने आदेश दिया गया था। कलेक्टर जनदर्शन में पहुंची आशालता ने बताया कि प्राथमिक शाला तुमानभाठा, जनशिक्षा केन्द्र सतरेंगा में उसे तीन-चार वर्ष से व्यवस्था के तहत आश्रम संचालन हेतु पदस्थ किया गया है जबकि यहां शिक्षिका पहले से पदस्थ है।
उसने आश्रम संचालन सौंपकर मूल पदस्थापना तुमानभाठा में कार्यमुक्त करने की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि लोक सुराज अभियान में त्वरित निराकरण के तहत 15 दिवस के भीतर शिक्षिका को मूल पदस्थापना में भेजने आदेशित किया गया था। परंतु अब तक तात्कालीन कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुये शिक्षिका को मूल पदस्थापना में नहीं भेजा गया है।
स्टाप डेम में लगे श्रमिकों को मजदूरी नहीं दी
सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन में कुल 113 आवेदन प्राप्त हुए। जय गुरूदेव बहुउद्देशीय सहकारी समिति मर्यादित तराईमार ग्राम पंचायत कलगामार करतला के किसानों में ट्यूबवेल लगाने का अनुरोध किया। पीजी कॉलेज की अध्यक्ष समलेश्वरी सिंह ने टेबलेट प्रदाय करने, लाइबे्ररी में विभिन्न लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध कराने, कालेज में वाईफाई की सुविधा प्रारंभ करने एवं छात्रावास निर्माण हो जाने पर भी दो साल से कालेज के अधीन नहीं हो पाने संबंधी ज्ञापन सौंपा। ग्राम नोनबिर्रा की हेमलता मांझी ने आंगनबाड़ी सहायिका की भर्ती में दावा आपत्ति का निराकरण के बिना नियुक्ति करने की शिकायत की।
करतला विकासखंड के ग्राम रामपुर निवासी विमला कुमारी केंवट ने एएनएम पद के लिए सन् 2011-12 में प्रशिक्षित एएनएम मितानीनों को पहली प्राथमिकता देने की मांग की। रिपुसूदन, जयसिंह, रोहित एवं अशोक कुमार ने ग्राम पंचायत पतरापाली, कोरकोमा, पसरखेत, बेला आदि गांवों में वन विभाग द्वारा स्टापडेम कार्य पर लगाये गये श्रमिकों का सही ढंग से मजदूरी भुगतान नहीं होने की शिकायत की। सरपंच ग्राम पंचायत केराझरिया पाली के सत्यनारायण पैकरा ने केराझरिया के केरी नाला में रिटर्निंग वाल बनाये जाने की मांग रखी। ग्राम उमरेली के दिनेश देवांगन, पुरूषोत्तम, दिलीप देवांगन ने गांव के कुछ वार्डों में विद्युत पोल एवं बिजली लाईन का विस्तार का आवेदन दिया।
पोड़ी उपरोड़ा से तुमानभाठा तक मुख्यमंत्री गौरव पथ योजना के तहत सीसी रोड का अधूरा निर्माण पूर्ण कराने की मांग, कुमानभाठा के ग्रामीणों ने आर्थिक, सामाजिक एवं जाति जनगणना 2011 के सूची से मोहल्लेवासियों का नाम हटा दिए जाने की शिकायत कलेक्टर से की। इनका कहना है कि सूची से नाम हट जाने के कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।