साइकिल-हाथी के आगे नहींटिका कमल
इसे भारतीय जनता पार्टी संगठन की नाकामी कहें, योगी-केशव के प्रति आक्रोश करार दें, सरकार की अलोकप्रियता का नाम दें;
- रतिभान त्रिपाठी
लखनऊ। इसे भारतीय जनता पार्टी संगठन की नाकामी कहें, योगी-केशव के प्रति आक्रोश करार दें, सरकार की अलोकप्रियता का नाम दें या फिर मोदी मैजिक के खात्मे का डंका पीटें लेकिन यह सच है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा हार गई और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जीत गए। बहुजन समाज पार्टी का समर्थन सपा के लिए संजीवनी बन गया। बुधवार को सुबह से मतगणना शुरू होते ही भाजपा उम्मीदवारों के पिछड़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अंत तक बना रहा। और शाम को आए चुनाव परिणाम ने भाजपा नेताओं पर घड़ों पानी उड़ेल दिया। इसके साथ ही गोरखपुर और फूलपुर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत ने सपा-बसपा गठबंधन की गांठ और मजबूत कर दी है। फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए मतो की गिनती शुरू होते ही सपा की बढ़त शुरू हो गई थी जो लगातार बनी रही। अंतत: सपा उम्मीदवार नागेंद्र सिंह पटेल 342796 वोट पाकर चुनाव जीत गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59613 वोटों से हरा दिया। कौशलेंद्र को 283183 वोटों में ही संतोष करना पड़ा। निर्दल उम्मीदवार अतीक अहमद को 48087 वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मनीष मिश्र 19334 वोट ही ही पा सके। 19 लाख से अधिक वोटों वाले इस मतदान क्षेत्र में 729991 मतदाताओं ने ही वोट डाले थे।
गोरखपुर से सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बाजी मारी
2014 में फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य 5 लाख 3 हजार 564 वोट पाकर सांसद बने थे। अब वह प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं। उनके इस्तीफा देने पर खाली हुई इस सीट पर उप चुनाव हुआ है। यहां भाजपा की बुरी हार ने एक साथ कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन भाजपा नेता उनका सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उधर गोरखपुर संसदीय सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की थी। उनके इस्तीफा देने पर हुए उप चुनाव में सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बाजी मारी है। प्रवीण निषाद को 4,56,437 वोट मिले। भाजपा के उपेंद्र शुक्ल को 4,34,476 वोट मिले। निषाद 21,961 वोटों से जीत गए। सपा की इस जीत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अनगिनत अंगुलियां उठाने को लोगों को मजबूर कर दिया है। वैसे दोनों क्षेत्रों की हार पर यह सवाल उठाना कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य ने मनचाहे उम्मीदवार न दिए जाने से रूचि नहीं ली, सर्वथा अनुचित प्रतीत होता है लेकिन एक तबका यह सवाल उठाने से भी पीछे नहीं हट रहा है।
मतगणना को लेकर विधानसभा में जोरदार हंगामा
इससे पहले मतगणना को लेकर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर में वोटों की गिनती हो रही है, लेकिन गोरखपुर के डीएम शुरू से ही चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया को वहां से भगा दिया गया है। हमारे एजेंट को भी भगा दिया गया। भारतीय जनता पार्टी बड़ी साजिश रच रही है।
अररिया-जहानाबाद में राजद की जीत, भभुआ पर भाजपा
उधर बिहार में राजद ने जहानाबाद विधानसभा सीट और अररिया से लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। भाजपा भभुआ विधानसभा सीट बचाने में सफल हो गई है। अररिया लोकसभा से राजद उम्मीदवार सरफराज आलम 61,788 वोटों से जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप सिंह को हरा दिया है। जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के उम्मीदवार कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव और भभुआ विधानसभा सीट से सत्तारूढ़ भाजपा प्रत्याशी रिंकी रानी पांडेय ने जीत हासिल की है।