20 दिसंबर को जंतर-मंतर पर त्रिपुरा में अलग राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन, अलग 'टिप्रालैंड' राज्य की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी
त्रिपुरा सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने सोमवार को घोषणा की कि वह नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यू स्टेट्स (एनएफएनएस) द्वारा 20 दिसंबर को जंतर-मंतर पर बुलाए गए प्रदर्शन में शामिल होगा;
त्रिपुरा में अलग राज्य की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का ऐलान
अगरतला। त्रिपुरा सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने सोमवार को घोषणा की कि वह नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यू स्टेट्स (एनएफएनएस) द्वारा 20 दिसंबर को जंतर-मंतर पर बुलाए गए प्रदर्शन में शामिल होगा।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य अलग 'टिप्रालैंड' राज्य की मांग को तेज करना है।
आईपीएफटी के महासचिव स्वपन देबबर्मा ने बताया कि संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान पार्टी के 100 से 150 कार्यकर्ता नयी दिल्ली में धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। उनका मुख्य लक्ष्य त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) का दर्जा बढ़ाकर उसे त्रिपुरा टेरिटोरियल काउंसिल बनाना है।
उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होने से पहले पार्टी ने 125वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने की मांग जोर-शोर से उठाई थी, जिसका मकसद वर्तमान टीटीएएडीसी को त्रिपुरा टेरिटोरियल काउंसिल (टीटीसी) का दर्जा देना है।
आईपीएफटी जल्द ही अगरतला में एक बड़ी जनसभा आयोजित करेगी, जिसमें कोकबोरोक (जनजातीय भाषा) को रोमन लिपि में मान्यता देने और आगामी एडीसी चुनाव तब तक टालने की मांग की जाएगी, जब तक त्रिपुरा टेरिटोरियल काउंसिल का गठन नहीं हो जाता।
हालांकि, देबबर्मा ने अपने सहयोगी दल टिप्रा मोथा के संस्थापक प्रद्योत किशोर देबबर्मन के उस अपील को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने नई प्रस्तावित क्षेत्रीय राजनीतिक इकाई 'वन नॉर्थ ईस्ट' में विलय करने को कहा था। देबबर्मा ने स्पष्ट किया कि इस समय पार्टी को भंग करने या किसी अन्य दल में विलय करने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, "हम अपनी पहचान को न तो खत्म करना चाहते हैं और न ही किसी अन्य पार्टी में विलय करना चाहते हैं।"
देबबर्मा ने जोर देकर कहा, "अलग राज्य (टिप्रालैंड) हमारी वैचारिक मांग है और यह हमेशा हमारी मांगों की सूची में सबसे ऊपर रहेगी। इसके अलावा हम हाई-लेवल मोडालिटी कमेटी की सिफारिशों को तत्काल लागू करने की मांग करेंगे, जिसने वर्तमान टीटीएएडीसीको टेरिटोरियल काउंसिल में अपग्रेड करने की वकालत की थी।"
उन्होंने आगे कहा, "सत्तारूढ़ गठबंधन के एक घटक के रूप में हमारी उम्मीद है कि भाजपा, आईपीएफटी और टिप्रा मोथा – तीनों दल उचित सीट-समायोजन समझौते के बाद आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे। लेकिन अगर यह समझौता व्यावहारिक रूप से नहीं हो पाता, तो हम परिस्थिति के अनुसार नया गठबंधन बनाने पर विचार करेंगे।"