मेघालय: सीएम संगमा ने सौंपे लीज पट्टे, दशकों पुराने भूमि विवाद का समाधान शुरू

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने शुक्रवार को तूरा के आठ इलाकों के निवासियों को दीर्घकालिक लीज समझौतों के तहत भूमि पट्टे सौंपे;

Update: 2025-12-13 03:29 GMT

शिलॉन्ग। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने शुक्रवार को तूरा के आठ इलाकों के निवासियों को दीर्घकालिक लीज समझौतों के तहत भूमि पट्टे सौंपे। यह कदम जनता और जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) के बीच पिछले कई दशकों से चल रहे भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

तूरा शहर में वर्षों से सरकारी जमीन और कार्यालय परिसरों पर अतिक्रमण के कारण कई कानूनी मामले, बेदखली अभियान और कानून-व्यवस्था की चुनौतियां उत्पन्न होती रही थीं।

मुख्यमंत्री संगमा ने बताया कि यह निर्णय विस्तृत अध्ययन के बाद लिया गया है और इसे विलियमनगर में दो-तीन वर्ष पहले सफलतापूर्वक लागू किए गए मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा, “कई वर्षों से सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण के कारण कानूनी और सामाजिक जटिलताएं पैदा हो रही थीं। विलियमनगर मॉडल को ध्यान में रखते हुए हमने इन मुद्दों को लंबे समय की लीज के माध्यम से हल करने का निर्णय लिया।”

नई व्यवस्था के तहत जमीन सरकार की राजस्व भूमि बनी रहेगी और स्वामित्व राज्य के पास ही रहेगा। हालांकि, जिन परिवारों ने इन जमीनों पर लंबे समय से निवास किया है, उन्हें पारदर्शी और तय मानदंडों के आधार पर लीज प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें कानूनी स्पष्टता और सुरक्षित अधिकार मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम सरकारी जिम्मेदारी और सार्वजनिक हित के बीच संतुलन बनाता है और भविष्य में विवादों को रोकने में मदद करेगा।

उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में केवल उन्हीं इलाकों को शामिल किया गया है, जिन्होंने स्वेच्छा से इस प्रक्रिया में भाग लेने पर सहमति जताई है। पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में व्यापक सर्वे, ड्रोन मैपिंग, डिजिटल आकलन और सार्वजनिक सुनवाई की गई है, ताकि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और दस्तावेज आधारित हो।

संगमा ने कहा कि कोई भी क्षेत्र इस प्रक्रिया के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। जिन इलाकों में अभी सहमति नहीं बनी है, उन्हें सहमति बनने पर दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इसे सुव्यवस्थित शहरी विकास की दिशा में “अहम कदम” बताते हुए कहा कि इस नियमितीकरण से तूरा शहर में योजनाबद्ध विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और वर्षों से चल रहा सरकारी और जनता के बीच का प्रशासनिक तनाव कम होगा।

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