सफलता का कोई एकल सूत्र नहीं : विवेक विंद्रा

सफलता का कोई एकल सूत्र नहीं है और यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग तरह से काम कर सकती है;

Update: 2017-09-03 22:36 GMT

नई दिल्ली। सफलता का कोई एकल सूत्र नहीं है और यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग तरह से काम कर सकती है। जिसके पास मजबूत विश्वास प्रणाली है, वह स्वयं से प्रेरित है, और जो सही दिशा में काम करता है वह जीवन में सफल हो सकता है। यह कहना अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता डा. विवेक बिंद्रा का। 

दिल्ली में तीन दिवसीय 'लीडरशिप फनल' कार्यक्रम में डा. विवेक बिंद्रा ने व्यावहारिक प्रबंधन के सिद्धांतों को श्रीमद् भगवद् गीता से निकाल कर लोगों से साझा किया, जैसे कि लोगों को स्थायी प्रभाव के बजाय व्यक्तिगत प्रभाव को विकसित करने पर जोर देना चाहिए। जैसे महात्मा गांधी का व्यक्तिगत प्रभाव था।

उन्होंने इस तथ्य को भी प्रदर्शित किया कि सफलता की सबसे अधिकता एटिड्यूड से होती है, सही दृष्टिकोण वाला व्यक्ति खुद से कुछ भी कर सकता है। दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान की तरह सफलता से संबंधित अधिकांश विशेषताओं में, ऐटिटूड या दृष्टिकोण का पलड़ा हर विशेषता पर भारी पड़ता है। 

डा. बिंद्रा के अनुसार, "भारतीय व्यवसाय प्रेरक मुद्दों से पीड़ित नहीं हैं, बल्कि विश्वास प्रणाली और एक्सेक्यूशन की क्षमता से पीड़ित है। इन क्षमताओं को विकसित करने के लिए, हम उन्हें लागू करने के लिए एक ढांचा ही दे सकते हैं, लेकिन सफलता पूरी तरह उन व्यक्तियों पर निर्भर करती है जिन्हें ढांचे का पालन करने की आवश्यकता होती है।"

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