चतुर्वेदी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लोकपाल में भेजे जाने पर कोई आपत्ति नहीं

उत्तराखण्ड सरकार को रमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त भारतीय वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नवगठित लोकपाल में भेजने को लेकर कोई आपत्ति नहीं;

Update: 2019-12-24 12:41 GMT

हल्द्वानी (उत्तराखंड)। उत्तराखण्ड सरकार को रमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त भारतीय वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नवगठित लोकपाल में भेजने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुमोदन के बाद उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव सुभाष चन्द्र की तरफ सेसोमवार को इस सम्बंध में भारत सरकार को भेजे पत्र में इस पर सहमति प्रदान कर दी गई है।

भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 2002 बैच के उत्तराखण्ड काडर के अधिकारी  चतुर्वेदी राज्य में अपनी तीन वर्षीय उपशमन अवधि समाप्त होने के बाद केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में जाकर नवगठित लोकपाल में सेवाऐं देना चाहते हैं।

उन्होंने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के साथ ही नवगठित लोकपाल में उपयुक्त रिक्तियों के दृष्टिगत लोकपाल के अध्यक्ष को नवम्बर में भेजे अपने पत्र के माध्यम से संस्था की प्रशासनिक शाखा की जांच इकाई में प्रतिनियुक्ति पर कार्य करने हेतु अपनी उम्मीदवारी की थी।

देश के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2010-11 व 2011-12 की  चतुर्वेदी की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट को उत्कृष्ट करार दिये जाने तथा खुफिया ब्यूरो(आईबी) द्वारा जनवरी 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल हलफनामें में उन्हें परिश्रमी अधिकारी बताए जाने को इस उम्मीदवारी का आधार बनाया गया था।

 चतुर्वेदी वर्तमान में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में वन संरक्षक अनुसंधान के पद पर कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने सोमवार को उन्हें मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदोन्नति भी दे दी है।
 

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