अमेरिका से 30 सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर अभी तक कोई निर्णय नहीं

रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका स्थित जनरल एटॉमिक्स से 30 सशस्त्र ड्रोन की खरीद को लेकर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है;

Update: 2020-10-08 01:27 GMT

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका स्थित जनरल एटॉमिक्स से 30 सशस्त्र ड्रोन की खरीद को लेकर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है, क्योंकि भारतीय वायु सेना ने इनकी उपयोगिता पर आशंकाएं जताई हैं। यह सौदा लगभग तीन अरब डॉलर का है।

एक ही समय में चीन और पाकिस्तान के साथ विवादित सीमा गतिरोध सक्रिय होने के साथ, रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे आपातकाल के तौर पर खरीद को मंजूरी देने की जल्दी में नहीं हैं।

मंत्रालय में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के दौरान, मौजूदा खतरे की स्थिति में सशस्त्र ड्रोन की प्रभावकारिता पर आशंकाएं व्यक्त की गईं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी इस चर्चा के दौरान मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि वायु सेना ने ड्रोन के सशस्त्र होने की स्थिति में इसके प्रभावी होने पर आशंका व्यक्त की है।

दरअसल भारत जनरल एटॉमिक्स से 30 ड्रोन की खरीद की तलाश में था। तीनों सेनाओं को 10-10 एमक्यू-9 रीपर प्राप्त होने की उम्मीद थी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने पहले ही मंजूरी दे दी है।

अमेरिकी प्रशासन ने मिसाइलों और अन्य प्रणालियों से लैस भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी।

भारतीय नौसेना भी हिंद महासागर की अपनी निगरानी का विस्तार करने और अपनी तटीय सीमाओं की निगरानी को और मजबूत करने के लिए ऐसे ड्रोन की तलाश कर रही थी, जो ड्रोन मिसाइलों और राडार से लैस हों और उनका इस्तेमाल समुद्री खोजबीन के लिए किया जा सके।

ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स का दावा है कि यह ड्रोन 27 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक उड़ सकता है और यह कुल 1,746 किलो का वजन भी उठा सकता है। दावा किया गया है कि यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

अभी तक एमक्यू-9 को अमेरिकी वायु सेना, अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, नासा, द रॉयल एयर फोर्स, द इटैलियन एयर फोर्स, द फ्रेंच एयर फोर्स और स्पैनिश एयर फोर्स द्वारा ही अधिग्रहित किया गया है।
 

Full View

Tags:    

Similar News