नए एक्सप्रेस वे से दिल्ली की यातायात, प्रदूषण समस्या सुलझेगी : गडकरी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे रिकार्ड 500 दिनों में बनकर तैयार हुआ है और यह दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा;

Update: 2018-05-25 22:56 GMT

नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे रिकार्ड 500 दिनों में बनकर तैयार हुआ है और यह दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि 135 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे कुल 11,000 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इस एकस्प्रेसवे से हरियाणा में कुंडली और पलवल की दूरी अब चार घंटे से सिमटकर 72 मिनट रह जाएगी।

गडकरी ने यहां पत्रकारों से कहा, "50,000 वाहनों को, जिन्हें दिल्ली आने की जरूरत नहीं होती थी, अब उन्हें शहर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं है और उन्हें डायवर्ट कर दिया जाएगा। इस वजह से प्रदूषण और यातायात समस्या का महत्वपूर्ण ढंग से सामाधान होगा।"

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे में केवल तय की गई दूरी के आधार पर टोल लिए जाएंगे और वाहनों की बाधा रहित आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल वसूला जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एक्सप्रेसवे पर चार मेगावाट क्षमता वाले आठ सौर संयंत्र लगाए गए हैं।

प्रधानमंत्री इस एक्सप्रेसवे के पहले खंड दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन रविवार को करेंगे।

8.36 किलोमीटर लंबे(स्ट्रेच) दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को बनाने में 841.50 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसकी लंबाई निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होकर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा तक है और इसमें 14 लेन हैं।

गडकरी ने कहा, "यह स्ट्रेच पहले के संभावित निर्माण अवधि 30 माह के बदले केवल 17 माह के ही रिकार्ड समय में बनकर तैयार हो गया।"

गडकरी ने कहा, "यह 14 लेन के साथ देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है और इसमें कई विशेषताएं हैं, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। इसमें दोनों तरफ 2.5 मीटर लंबे साइकिल ट्रेक आदि की सुविधा दी गई है।"

गडकरी ने आशा जताई की पूरा एक्सप्रेसवे अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा।

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