सरकारी भवनों में चल रही तीन लाख आंगनबाडिय़ों में नहीं हैं शौचालय

नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुले में शौच के खिलाफ भले ही अभियान छेड़ा हुआ हो लेकिन सरकार भवनों में में संचालित होने वाली तीन लाख आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं है;

Update: 2017-03-27 05:05 GMT

संसदीय समिति की रिपोर्ट, सवा लाख आंगनबाडिय़ों में पेयजल की सुविधा भी उपलब्ध नहीं
नई दिल्ली !   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुले में शौच के खिलाफ भले ही अभियान छेड़ा हुआ हो लेकिन सरकार भवनों में में संचालित होने वाली तीन लाख आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं है साथ ही साथ सवा लाख में पेयजल की सुविधा नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए संसद की एक समिति ने इसके लिए एकीकृत बाल विकास सेवाएं योजना का आवंटन बढ़ाने को कहा है।
संसद में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार देश में तीन लाख 11 हजार आंगनवाडिय़ां ऐसी है जो सरकारी भवनों में चल रही है। इनमें से दो लाख 86 आंगनबाडिय़ों में शौचालय और एक लाख 25 हजार में पेयजल की सुविधा नहीं है। समिति ने कहा है कि इन आंगनबाडियों में ये आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए आवंटन बढ़ाने की जरूरत है।
देश की कुल आंगनबाडिय़ों में से 70.12 प्रतिशत में पेयजल और 60.01 प्रतिशत में शौचालय सुविधा उपलब्ध है। राजस्थान में सर्वाधिक 50.82 प्रतिशत, हरियाणा में 46.25 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 45.91 प्रतिशत, उत्तराखंड में 44.66 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 43.68 प्रतिशत, तेलंगाना में 40.40 प्रतिशत, कर्नाटक में 40.31 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 29.45 प्रतिशत, छत्तीसगढ में 34.79 प्रतिशत, मणिपुर में 24.66 प्रतिशत और बिहार में 36.79 आंगनबाडिय़ों में पेयजल उपलब्ध है।
इसी प्रकार राजस्थान में 27.73 प्रतिशत, ओडिशा में 46.10 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 44.11 प्रतिशत, असम में 47. 23 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 37.29 प्रतिशत, तेलंगाना में 21.32 प्रतिशत, झारखंड में 31.50 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 50.48 प्रतिशत, छत्तीसगढ में 42.08 प्रतिशत, मणिपुर में 31.51 प्रतिशत और दमन एवं दीव हवेली में 48.68 आंगनवाडिय़ों में शौचालय उपलब्ध हैं।

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