आवेदकों के ‘वायरस’ से छूटा कांग्रेसी नेताओं का पसीना

नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में दिल्ली नगर निगम के चुनाव से राजनीतिक पारी में किस्मत आजमाने के लिए उम्मीदवारों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है।;

Update: 2017-02-24 05:00 GMT

अनिल सागर
नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में दिल्ली नगर निगम के चुनाव से राजनीतिक पारी में किस्मत आजमाने के लिए उम्मीदवारों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है। प्रदेश कांग्रेस ने इन उम्मीदवारों से उनके जीवन का परिचय कंप्यूटर की पेन ड्राइव में जमा करवाने का निर्देश दिया है। उम्मीदवारों को पीडीएफ फॉर्मेट में अपने जीवन परिचय के साथ साथ इलाके में रहने वाले कांग्रेस समर्थक अथवा कार्यकर्ताओं के फोन नंबर, पते भी जमा करवाने थे। केंद्र, राज्य व निगम की सत्ता से दूर कांग्रेसियों ने करीबन दो लाख लोगों के फोन नंबर और दस हजार से अधिक पेन ड्राइव जमा करवाई है।

 पिछले दस वर्षों से दिल्ली नगर निगम की सत्ता से दूर कांग्रेस को उम्मीद है की 67 विधानसभा सीट हासिल करने के बाद जनापेक्षाओं पर खरी नहीं उतरने वाली आम आदमी पार्टी की मोर्चेबंदी का सही समय है। दिल्लीवासी भी आप को सबक सिखाने के मूड में है और बीते वर्ष कांग्रेस के पक्ष में आए उपचुनाव के परिणाम उसके उत्साह को बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं में जोश का आलम यह है के अब तक 10 हजार से अधिक पेन ड्राइव जमा हो चुकी हैं।  वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के मुताबिक आईटी विशेषज्ञ की निगरानी में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीआरएम विधि से फोन कॉलिंग शुरू की है। कांग्रेस इस विधि से लगभग दो लाख कार्यकर्ताओं व नेताओं से संपर्क कर लगभग आवेदकों की पड़ताल करेगी। करीबन डेढ़ दर्जन कांग्रेस के आईटी के जानकार युवा आवेदक द्वारा दिए गए फोन नंबर फोन करते हैं और तभी आवेदक से संबंधित सभी जानकारियां कंप्यूटर के स्क्रीन पर होती हैं।  सवाल जवाब के बाद जीत की संभावना आंक कर आवेदक को अंक दिए जाते हैं और इस पूरी प्रक्रिया को सभी 272 वार्ड में 30 दिन में किया जाएगा। इससे पहले पूरा करने पर प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन कहते हैं-‘जल्दी करने की आवश्यकता हुई तो युवा कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है।’ वहीं कांग्रेस सूत्रों की माने तो कांग्रेस बायोडाटा के कागज बचाकर बेशक पर्यावरण हितैषी पार्टी बन गई हो लेकिन इन पेन ड्राइव को खोलकर पीडीएफ फार्म में बायोडाटा लेने में उन्हें वायरस परेशान कर रहा है। वायरस के सिरदर्द से परेशान कांग्रेसी पहले एंटी वायरस चलाते हैं फिर वह आवेदक की जानकारियां हासिल कर पा रहे हैं और इस पूरी प्रक्रिया से टिकट निर्धारण की प्रक्रिया में भी देरी हो रही है।

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