एम्स के डाक्टर आत्मरक्षा के लिए सीखेंगे मार्शल आर्ट

नयी दिल्ली ! डाॅक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर मरीजों के रिश्तेदारों की आेर से हमले की लगातार बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स);

Update: 2017-05-03 22:01 GMT

नयी दिल्ली !  डाॅक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर मरीजों के रिश्तेदारों की आेर से हमले की लगातार बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाॅक्टर आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत मार्शल आर्ट सीखेंगे। एम्स के रेजिडेंट डाॅक्टर संघ के अध्यक्ष डाक्टर विजय कुमार के अनुसार इसके पहले कि कोई हादसा हो उससे निपटने की तैयारी पहले ही कर ली जानी चाहिए। डाक्टरों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण इसी सोच के साथ देने का फैसला लिया गया है। प्रशिक्षण देने के लिए मार्शल आर्ट में प्रवीण ब्लैक बेल्ट और ताइक्वांडो के विशेषज्ञ रखे जाएंगे जो डाक्टरों के लिए अस्पताल परिसर में रोजाना प्रशिक्षण कक्षाएं लगाएंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी है। ये प्रशिक्षण कक्षाएं आगामी 15 मई से शुरू हो जाएंगी। दिल्ली के सभी अस्पतालों के रेजिडेंट डाक्टरों के संघ के अध्यक्ष पंकज सोलंकी के अनुसार राजधानी में डाक्टरों पर हमले की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गत एक साल के दौरान एम्स और अंबेडकर अस्पताल के डाॅक्टरों पर हमले की चार-चार घटनाएं हो चुकी हैं। लोक नायक जयप्रकाश, गुरु तेग बहादुर और आचार्य भिक्षु अस्पताल में भी ऐसी तीन-तीन घटनाएं हुई हैं। डाॅक्टरों का कहना है कि बिना किसी कसूर के उन पर हमले किया जाना न सिर्फ अपमानजनक होता है बल्कि इसे बड़ी काेफ्त भी होती है। एक समय ऐसा था जब भगवान के बाद दूसरा दर्जा डाॅक्टरों को दिया जाता था लेकिन आजकल हालात बदल गए हैं। छोटी छोटी बातों पर मरीजों के रिश्तेदार मरने मारने पर उतर आते हैं। अस्पताल में कोई सुविधा,काेई उपकरण उपलब्ध न हो तो इसके लिए डाक्टरों को कसूरवार ठहरा दिया जाता है। यह सरासर गलत है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों में लोगों के प्रवेश को सीमित करना जरूरी है।

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