चिकित्सा पद्वति में राजयोग शामिल करने की जरूरत-पांडे
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने चिकित्सा पद्वति में राजयोग को शामिल करना समय और परिस्थितियों की जरुरत बताते हुए कहा है;
माउंटआबू । बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने चिकित्सा पद्वति में राजयोग को शामिल करना समय और परिस्थितियों की जरुरत बताते हुए कहा है कि पूर्ण मनोयोग एवं स्वेच्छा से अध्यात्म को स्वयं की जीवनशैली में आत्मसात करने से कई प्रकार के असाध्य रोगों से निजात पाई जा सकती है।
श्री पांडे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में चिकित्सा सेवा प्रभाग
द्वारा आयोजित चार दिवसीय चिकित्सकीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नियमित रूप
से राजयोग का अभ्यास करने पर मन में सकारात्मक ऊर्जा जमा होती है जिसका सीधा असर शरीर को स्वस्थ्य करने
में सार्थक सिद्ध होता है। प्राचीनकाल की अध्यात्म से परिपूर्ण ध्यान थरैपी से तन-मन के रोगों को नष्ट किया जा सकता है
लेकिन उसके लिए स्वयं की आत्मिक शक्ति को संपूर्ण रूप से जागृत करना होगा। इसके लिए ब्रह्माकुमारी संगठन
की ओर से प्रशिक्षित राजयोग सर्वोत्तम माध्यम है।
इस अवसर पर जीबी पंत पीजीआईएमएस अस्पताल दिल्ली, कार्डियोलॉजी प्रो. डॉ. मोहित गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य
के चार स्तंभ हैं, दया, देखभाल, समझ एवं विश्वास। इन चार स्तंभों पर आधारित जीवनशैली को सुखमय बनाने के लिए
दवा के साथ ध्यान करना अनिवार्य है।
पदमश्री, शंकर नेत्र फाउंडेशन मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. आर.वी. रमनी ने कहा कि आध्यात्मिक मनोवृत्ति से किये गये
उपचार के बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।