महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए कड़े कानूनों की जरुरत: मेनका
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए कड़े कानूनों की जरुरत पर बल देते हुए आज कहा कि संबंधित संस्थाओं को इस दिशा में सक्रियता से काम करना चाहिए। ;
नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए कड़े कानूनों की जरुरत पर बल देते हुए आज कहा कि संबंधित संस्थाओं को इस दिशा में सक्रियता से काम करना चाहिए।
गांधी ने यहां राष्ट्रीय महिला आयोग के 25 वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि महिला सशक्तिकरण और उनको न्याय दिलाने दिशा में काम कर रहे आयोग समेत सभी संस्थानों को गंभीरता से और सक्रियता से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्यों को यह नहीं सोचना चाहिए कि तीन साल का समय काटना है। आयोग को कुछ ठोस काम करने चाहिए। आयोग को प्रति सप्ताह कम से कम 15 ऐसी महिलाओं की मदद करनी चाहिए जो किसी भी तरह की हिंसा से प्रभावित हों।
उन्होेंने कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की यौन प्रताड़ना की स्थिति बहुत बुरी है। एक अनुमान अनुसार कार्यस्थलों पर लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को पहले वर्ष में यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं है। इसके लिए सख्त और कड़े कानून बनाए जाने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आयोग काे सक्रियता से काम करते हुए एक आदर्श उपस्थित करना चाहिए। इससे आयोग को नैतिक शक्ति प्राप्त होगी और उसके निर्णयों का असर होगा।