उप्र और उत्तराखंड के रास्ते राज्यसभा में बहुमत के करीब पहुंचेगा राजग

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस साल के आखिर में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद उच्च सदन में भाजपा और मजबूत हो सकती है। इसी के साथ राजग बहुमत के करीब पहुंच जाएगा;

Update: 2020-06-25 18:51 GMT

नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस साल के आखिर में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद उच्च सदन में भाजपा और मजबूत हो सकती है। इसी के साथ राजग बहुमत के करीब पहुंच जाएगा। नवंबर में उत्तर प्रदेश की 10 तो उत्तराखंड की एक सीट खाली होगी। दोनों राज्यों की 11 में से 10 सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि वर्ष 2020 में ही पार्टी राज्यसभा में इतनी ताकतवर हो जाएगी कि उसे किसी विधेयक को पास कराने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।

उत्तर प्रदेश में आगामी नवंबर में जो 10 सीटें खाली हो रहीं हैं, उनमें इस वक्त तीन भाजपा के पास हैं तो चार समाजवादी पार्टी, दो बहुजन समाज पार्टी और एक कांग्रेस के पास है। वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस नेता राजबब्बर की सीट खाली होगी। उप्र से राज्यसभा पहुंचे सपा नेता राम गोपाल यादव, जावेद अली खान, चंद्रपाल सिंह यादव, रवि प्रकाश वर्मा, कांग्रेस नेता पीएल पुनिया, भाजपा नेता अरुण सिंह, हरदीप सिंह पुरी, नीरज शेखर और बसपा से राजाराम, वीर सिंह का कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म होगा।

403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के पास 312 विधायक हैं। जबकि सपा के पास 47, बसपा के पास 19 और कांग्रेस के पास सिर्फ सात विधायक हैं। समाजवादी पार्टी सिर्फ एक सीट जीतने की स्थिति में है। भाजपा की अपनी मौजूदा तीन सीटों के अलावा अन्य छह सीटों पर भी जीत तय है। उत्तराखंड में भी पार्टी को एक सीट का फायदा होगा। इस प्रकार उप्र की नौ और उत्तराखंड की एक सीट सहित कुल 10 सीटें भाजपा जीतेगी। चूंकि इसमें से तीन सीटें पहले से भाजपा के पास हैं, लिहाजा राज्यसभा उसके पास सात नए सदस्य बढ़ेंगे।

राज्यसभा में मौजूदा आंकड़े को देखें तो भाजपा के पास 86 सदस्य हैं। हाल में 20 राज्यों की 61 सीटों के चुनाव में भाजपा ने कुल 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। इससे भाजपा का आंकड़ा 75 से 86 पर तो राजग का 113 तक पहुंच गया है। राजग के 113 के आंकड़े में नामांकित और निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी हासिल है। अब उप्र और उत्तराखंड में नवंबर में भाजपा को हासिल होने वाली सात अतिरिक्त सीटों के साथ राजग की सदस्य संख्या 120 तक पहुंच जाएगी। जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की जरूरत है।

गौरतलब है कि विभिन्न विधेयकों के मसले पर भाजपा को राजग से बाहर के दलों बीजद, वाईएसआर कांग्रेस का भी समर्थन मिलता है। इस प्रकार भाजपा आने वाले समय में राज्यसभा में और मजबूत होकर उभरेगी, जिससे विधेयकों को पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।

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